WWW क्या है ?

WWW (World Wide Web) एक अद्वितीय तंत्रिका जाल है जो इंटरनेट के माध्यम से विश्वभर के लाखों वेबपेज़ों को जोड़ता है। इसका मुख्य उद्देश्य जानकारी को साझा करना और उपयोगकर्ताओं को इसकी पहुंच के लिए एक साधन प्रदान करना है। इसका आविष्कार टिम बर्नर्स-ली द्वारा 1989 में किया गया था।

WWW का उपयोग करके, उपयोगकर्ता विभिन्न प्रकार की जानकारी को खोज, पढ़ने, और साझा कर सकते हैं। यहां तक ​​कि उपयोगकर्ता इंटरैक्टिव रूप से वेबसाइटों के साथ जोड़े गए सामग्रियों को भी इंटरेक्ट कर सकते हैं।

जब कोई उपयोगकर्ता एक वेब ब्राउज़र में एक वेबसाइट का पता डालता है, तो उसका डिवाइस वह वेबसाइट का सर्वर ढूंढता है और उससे संपर्क स्थापित करता है। फिर सर्वर उपयोगकर्ता के डिवाइस को उस वेबसाइट के लिए संदेश भेजता है, जिसे उपयोगकर्ता अपने ब्राउज़र में देखता है।

इस प्रक्रिया के माध्यम से, उपयोगकर्ता किसी भी वेबसाइट की जानकारी को देख, सुन, और पढ़ सकते हैं जो उसके द्वारा पहुंची जा सकती है।

इस तरह, वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) एक महत्वपूर्ण तंत्रिका है जो हमें विश्व की विशाल संसाधनों और जानकारी के साथ जोड़ता है।

WWW का फुल फॉर्म है “वर्ल्ड वाइड वेब”। इसे W3 या वेब भी कहा जाता है। यह एक सूचना अंतरिक्ष है, जहाँ HTML दस्तावेज़ और वेब संसाधनों को यूनिफ़ॉर्म संसाधन स्थानांक (URLs) के माध्यम से पहचाना जाता है।

यहाँ HTML दस्तावेज़ Hyperlink के माध्यम से आपस में जुड़े रहते हैं। इन वेब दस्तावेजों को हम इंटरनेट के माध्यम से पहुंचते हैं।

इसे सूचना को स्टोर करने का केंद्रीय हब माना जाता है। वर्ल्ड वाइड वेब, हमें इंटरनेट का उपयोग करने या संचार करने के लिए मुख्य उपकरण है। वेब दस्तावेज़ को HTML (हाइपर टेक्स्ट मार्कअप भाषा) के माध्यम से लिखा जाता है।

HTML दस्तावेज़ में छवियों, ऑडियो, वीडियो या पाठ को फ़ॉर्मेटेड रूप में रखा जाता है।

वर्ल्ड वाइड वेब की परिभाषा

वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web) एक बहुत बड़ा नेटवर्क है जिसमें हाइपरटेक्स्ट फाइल और वेब पेज एक दूसरे से लिंक होते हैं। यहां बिलियंस ऑफ हाइपरटेक्स्ट टेक्स्ट डॉक्यूमेंट को अलग-अलग सर्वरों और कंप्यूटरों में स्टोर किया जाता है, जिन्हें वेब ब्राउज़र के माध्यम से एक्सेस किया जाता है। यह एक प्रणाली भी है जहां हाइपरटेक्स्ट डॉक्यूमेंट एक-दूसरे के इंटरलिंक होते हैं और इनको एक्सेस करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है। इसे हम एक आभासी स्थान भी कह सकते हैं जहां दुनिया भर के सभी वेब पेज, वेब सर्वर, वेबसाइट को एचटीटीपी प्रोटोकॉल के माध्यम से एक्सेस किया जाता है। इसमें वेब पेज, वेब सर्वर, यूआरएल, हाइपरलिंक्स और एचटीटीपी का संग्रह भी शामिल है। यहां उपलब्ध संसाधनों और उपयोगकर्ताओं के लिए एचटीटीपी के माध्यम से इंटरनेट से जुड़ने का माध्यम है। वर्ल्ड वाइड वेब का संयोजन वेबसाइटों और वेब पेजों के संयोजन के संयोजन को कहा जाता है। जब कभी भी आप यूआरएल को अपने ब्राउज़र में लिखते हैं, तो समझ लेना चाहिए कि आप वर्ल्ड वाइड वेब से जुड़ गए हैं।

  • WWW (World Wide Web) एक आधुनिक तकनीकी प्लेटफ़ॉर्म है जो इंटरनेट के माध्यम से जुड़े हुए विभिन्न वेब पेजों को प्रदान करता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण शब्दों का विवरण है:
  • URL (Uniform Resource Locator): यह वेब पेज का पता बताता है। यह एक यूनिफ़ॉर्म तरीके से वेबसाइट के पते को प्रतिनिधित करता है।
  • HTML (Hypertext Markup Language): यह वेब पेज की संरचना और ढांचा निर्धारित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। एचटीएमएल के माध्यम से टेक्स्ट, इमेज, वीडियो, और अन्य मल्टीमीडिया कंटेंट को डिफ़ाइन किया जाता है।
  • HTTP (Hypertext Transfer Protocol): यह एक प्रोटोकॉल है जो वेब पेजों को इंटरनेट पर आपसी अद्यतन और प्रेषित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

ये तीनों तकनीकी प्रणालियाँ बर्नर्स-ली द्वारा विकसित की गईं थीं और इन्हें उन्होंने WWW के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इन तकनीकों के माध्यम से ही विभिन्न वेब पेज आपस में जुड़े होते हैं और इंटरनेट के माध्यम से जानकारी को साझा किया जाता है।

विश्वव्यापी वेब (World Wide Web) का इतिहास एक रोमांचक कहानी है, जिसमें Tim Berners-Lee की महत्वपूर्ण भूमिका है। यहाँ हम वेब के विकास की मुख्य घटनाओं को हिंदी में देखेंगे:

1989:

Tim Berners-Lee ने विश्वव्यापी वेब के विचार का प्रस्ताव दिया। उन्होंने एक प्रोटोकॉल विकसित किया जिसे “HTTP (Hypertext Transfer Protocol)” कहा गया। यह प्रोटोकॉल डेटा को वेब पर साझा करने के लिए उपयोग किया जाता है।

1990:

बर्नर्स-ली ने पहला वेब ब्राउज़र/संपादक “WorldWideWeb” (जिसे NexusStep Environment में चलाया जाता था) का विकास किया। यह एक WYSIWYG (What You See Is What You Get) संपादक था, जो उपयोगकर्ताओं को वेब पेजों को संपादित करने और उन्हें देखने की सुविधा प्रदान करता था।

1991:

बर्नर्स-ली ने एक वेब सर्वर को लॉन्च किया, जिसे “httpd” नाम दिया गया था। इससे पहले, वेब सिर्फ कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित था, लेकिन 1991 तक विश्वव्यापी वेब दुनिया के अधिकांश हिस्सों तक पहुंच चुका था।

1993:

बर्नर्स-ली ने वेब के लिए पहला ग्राफिक्स ब्राउज़र “Mosaic” का विकास किया। यह ब्राउज़र उपयोगकर्ताओं को एक आसान और ग्राफिकल तरीके से वेब को ब्राउज़ करने की सुविधा प्रदान करता था।

1994:

टिम बर्नर्स-ली ने विश्वव्यापी वेब की दिशा निर्देशित करने के लिए “World Wide Web Consortium (W3C)” की स्थापना की। W3C एक अंतरराष्ट्रीय मंच है जो वेब के मानकों के विकास और स्थापना में सहायक है।

इस प्रकार, Tim Berners-Lee ने विश्वव्यापी वेब की संभावनाओं को अनलॉक किया और एक नई डिजिटल युग की शुरुआत की। उन्होंने हाइपरटेक्स्ट की विशेषता का उपयोग किया और वेब को हमेशा के लिए बदल दिया।

World Wide Web (WWW) कैसे काम करता है

इसे समझाने के लिए हमें वेबसाइट, वेब सर्वर, वेब ब्राउज़र, वेब पेज, HTTP, हाइपरटेक्स्ट और हाइपरलिंक जैसे विभिन्न तत्वों को समझने की आवश्यकता होती है। इन सभी तत्वों का संबंध एक समृद्ध और अंतर्निहित प्रणाली में होता है जो हमें इंटरनेट पर साइबर स्पेस के माध्यम से जोड़ती है।

  • वेबसाइट (Website): एक वेबसाइट एक ऑनलाइन स्थान होता है जो वेब पेजों, मल्टीमीडिया सामग्री, और अन्य संसाधनों को होस्ट करता है। वेबसाइट का पता एक यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर (URL) के माध्यम से पहचाना जा सकता है।
  • वेब सर्वर (Web Server): एक वेब सर्वर एक कंप्यूटर होता है जो वेबसाइटों को संचालित करता है और उनकी सामग्री को उपयोगकर्ताओं के लिए प्राप्त कराता है। जब किसी उपयोगकर्ता एक वेबसाइट का अनुरोध करता है, तो उपयोगकर्ता के डिवाइस और वेब सर्वर के बीच एक संवाद स्थापित होता है।
  • वेब ब्राउज़र (Web Browser): एक वेब ब्राउज़र एक सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन होता है जो उपयोगकर्ताओं को वेबसाइटों को देखने, संचालित करने और उनसे अन्य कार्रवाइयों का निर्देशन करने की सुविधा प्रदान करता है।
  • वेब पेज (Web Page): एक वेब पेज एक एचटीएमएल (HTML) या अन्य वेब प्रोग्रामिंग भाषा में लिखी गई होती है, जो टेक्स्ट, छवियाँ, लिंक, और अन्य सामग्री को प्रदर्शित करती है।
  • HTTP (Hypertext Transfer Protocol): एचटीटीपी एक तकनीकी प्रोटोकॉल है जो वेब ब्राउज़र और वेब सर्वर के बीच जानकारी को संचालित करता है। यह उपयोगकर्ता के डिवाइस से वेब सर्वर तक डेटा की प्रेषण प्रणाली को प्रबंधित करता है।
  • हाइपरटेक्स्ट (Hypertext): हाइपरटेक्स्ट वेब पेजों में लिंक की रूप में प्रयोग होता है जो उपयोगकर्ताओं को एक पेज से दूसरे पेज पर ले जाता है।
  • हाइपरलिंक (Hyperlink): हाइपरलिंक एक प्रकार का लिंक होता है जो एक वेब पेज से दूसरे पेज पर जाने की सुविधा प्रदान करता है।

आपका विवरण सही है। इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) दो अलग-अलग चीजें हैं, लेकिन इन दोनों के बीच गहरा संबंध है।

इंटरनेट (Internet):

इंटरनेट एक नेटवर्क है जो कई अलग-अलग कंप्यूटर नेटवर्क्स को आपस में जोड़ता है।

यह नेटवर्क्स हर तरह के डेटा, जैसे ईमेल, फ़ाइलें, वेब पृष्ठ, आदि को आपस में संचारित करने की सुविधा प्रदान करता है।

इंटरनेट के लिए कई प्रोटोकॉल्स होते हैं, जिनमें HTTP (हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल), SMTP (सिम्पल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल), FTP (फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल), TelNET (टेलीकम्यूनिकेशन नेटवर्क) शामिल हैं।

 INTERNETWWW
1.internet की सुरुवात 1960 में हो गई थी1989 Tim Berners-lee इसको Invent किया था
2.Hardware से बना है .software.से बना है
3.Internet में server, Router, Bridge, tower, Satellite जैसे Hardware का इस्तेमाल करता हैWWW program, hypertext, protocol, webpage, text, Images का इस्तेमाल करता है
4.पहले internet का नाम ARPANET थासुरुवाती दिनों में WWW को NFSNET बोला जाता था
5.Internet IP Address का इस्तेमाल करता हैये HTTP का इस्तेमाल करता है.
6.Internet बिना WWW के भी चल सकता है.बिना internet के WWW exist ही नहीं है
7.Internet WWW का superset हैWWW  internet का subset है
8.internet में Computers को IP Address के जरिए खोजा जाता है.यहाँ Informtion को URL से Locare करता है

वर्ल्ड वाइड वेब (WWW):

वर्ल्ड वाइड वेब इंटरनेट पर जानकारी को संचारित करने के लिए एक माध्यम है।

यह डेटा को वेब पृष्ठों के रूप में संगठित करता है और उपयोगकर्ताओं को इस जानकारी को ब्राउज़ करने की सुविधा प्रदान करता है।

वर्ल्ड वाइड वेब का मुख्यतः उपयोग किया जाने वाला प्रोटोकॉल है HTTP (हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल)।

वर्ल्ड वाइड वेब के प्रमुख तत्व हैं वेब ब्राउज़र, HTML (हाइपरटेक्स्ट मार्कअप भाषा), और वेब सर्वर।

इसलिए, इंटरनेट एक नेटवर्क है जो डेटा को संचारित करने के लिए उपयोग किया जाता है, जबकि वर्ल्ड वाइड वेब इंटरनेट पर जानकारी को संचारित करने का एक माध्यम है।

वेब सर्वर एक प्रोग्राम होता है जो HTTP के माध्यम से आपको वेबसाइट या वेब पृष्ठ के लिए एक request का response प्रदान करता है। इस response में आमतौर पर HTML पेज होता है, लेकिन यह अन्य रूपों में भी हो सकता है, जैसे कि छवियाँ, वीडियो, ऑडियो, या अन्य संबंधित फ़ाइलें।

जब आप Google या किसी अन्य वेबसाइट में कुछ खोजते हैं, तो आपका वेब ब्राउज़र उस वेबसाइट के सर्वर को request भेजता है। उसके बाद सर्वर उस request को प्रोसेस करता है और उचित डेटा का response भेजता है जो आपके ब्राउज़र में प्रदर्शित होता है। यही सर्वर का मुख्य कार्य होता है।

वेब सर्वर का एक उदाहरण है एक कंप्यूटर जिस पर एक वेबसाइट को होस्ट किया जाता है। हर वेबसाइट का अपना वेब सर्वर होता है जो उसके डेटा को इंटरनेट के जरिए पहुंचाता है।

HTML का पूरा नाम है

हाइपर टेक्स्ट मार्कअप भाषा। यह एक भाषा है जिसका उपयोग एक वेबसाइट के डिज़ाइन के लिए किया जाता है। हर एक वेब पेज को एचटीएमएल डॉक्यूमेंट भी कहा जाता है, और यही पेज वर्ल्ड वाइड वेब पर दिखाई जाती है।

जब एक वेब पेज दूसरे वेब पेज के साथ लिंक होती है, तो उसे हाइपरलिंक कहा जाता है। जो भी वेब पेज आप इंटरनेट पर देखते हैं, वह सभी एक एचटीएमएल डॉक्यूमेंट हैं। HTML डॉक्यूमेंट को चलाने के लिए एक ऐप्लिकेशन की आवश्यकता होती है जिसे वेब ब्राउज़र कहा जाता है, जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे।

Webpage

वेबपेज एक पेज होता है जिसको बनाने के लिए HTML (Hyper Text Markup Language) जैसी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। यह वेबसाइट का एक छोटा सा अंश होता है और वेबपेज का संग्रह वेबसाइट कहलाता है।

इन वेबपेज को एक्सेस करने के लिए URL (Uniform Resource Locator) पते का उपयोग किया जाता है। जिस पेज को आप अभी पढ़ रहे हैं, वह भी एक वेबपेज का उदाहरण है।

वेब ब्राउज़र एक सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम या एप्लिकेशन होता है जो उपयोगकर्ताओं को वेब पेज या वेबसाइट तक पहुँचाने में मदद करता है। यह उपयोगकर्ताओं को वेब पेज को प्रदर्शित करने के लिए HTML, CSS, और JavaScript को संदर्भीकृत रूप में प्रस्तुत करता है।

कुछ प्रमुख वेब ब्राउज़रों में Chrome, Mozilla Firefox, Opera, Safari, Microsoft Edge, और Internet Explorer शामिल हैं। इन ब्राउज़रों का उपयोग वेब पेजों को देखने, वेबसाइटों पर नेविगेट करने, और इंटरनेट पर सामग्री को एक्सेस करने के लिए किया जाता है। इन ब्राउज़रों में हर एक के अपनी विशेषताएँ और फीचर्स होते हैं, जो उपयोगकर्ताओं को वेब अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

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