माउस: जानिए इसका मतलब और विभिन्न प्रकारों की समीक्षा

माउस को हिंदी में ‘चूहा’ कहा जाता है, जो कंप्यूटर उपयोगकर्ता द्वारा इनपुट डिवाइस के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह कंप्यूटर स्क्रीन पर pointer को नियंत्रित करने और कंप्यूटर के अन्य विभिन्न कार्यों को करने के लिए उपयोग किया जाता है।

माउस का एक हिस्सा होता है एक स्क्रोल व्हील और एक या अधिक बटन, जिन्हें यूज़र द्वारा दबाया जा सकता है ताकि वे कंप्यूटर में विभिन्न कार्रवाइयाँ कर सकें।

माउस के कुछ प्रमुख प्रकार होते हैं, जैसे:

  • वायर्ड माउस: यह माउस तार से कंप्यूटर से जुड़ा होता है।
  • वायरलेस माउस: ये माउस बिना तार के होते हैं और इन्फ्रारेड या रेडियो फ्रीक्वेंसी टेक्नोलॉजी का उपयोग करके कंप्यूटर से जुड़े होते हैं।
  • ऑप्टिकल माउस: ये माउस इन्फ्रारेड लाइट का उपयोग करके गतिविधियों को ट्रैक करते हैं।
  • लेजर माउस: ये माउस लेजर बीम का उपयोग करके गतिविधियों को ट्रैक करते हैं और ऑप्टिकल माउस से अधिक सुगमता प्रदान करते हैं।

माउस को उपयोग करके यूज़र आसानी से कंप्यूटर पर विभिन्न कार्रवाइयाँ जैसे कि फ़ाइलों और फ़ोल्डर्स को खोलना, एप्लिकेशन्स को चलाना, वेब पेज पर नेविगेट करना, और गेम्स खेलना आदि कर सकते हैं।

माउस एक पॉइंटिंग उपकरण है जो कंप्यूटर के साथ इंटरैक्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक इनपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर स्क्रीन पर विभिन्न आइटमों को चुनने, उनके विषय में जानने, उन्हें खोलने और बंद करने के लिए उपयोग किया जाता है।

माउस का उपयोग करके उपयोगकर्ता कंप्यूटर को किसी काम को करने के लिए निर्देश देता है। इससे उपयोगकर्ता कंप्यूटर स्क्रीन पर कहीं भी पहुँच सकता है।

माउस के विभिन्न मॉडल होते हैं जिनमें अलग-अलग फीचर्स और कनेक्टिविटी होती है। लेकिन अधिकांश मॉडल्स में दो माउस बटन्स और एक स्क्रॉल व्हील होता है।

माउस के अलग-अलग इंटरफेस होते हैं, जैसे कि यह किसी कंप्यूटर या अन्य सिस्टम के साथ कनेक्ट करने के लिए माध्यम होता है।

माउस का फुल फॉर्म है

“Manually Operated User Selection Equipment”।

इसका मतलब होता है किसी उपकरण को मैन्युअल रूप से चयन करने के लिए उपयुक्त उपकरण। माउस का उपयोग कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के साथ काम करते समय किसी विशिष्ट स्थान को चुनने के लिए किया जाता है। माउस को इस्तेमाल करके उपयोगकर्ता किसी चयनित वस्तु, फ़ाइल, या कोई अन्य ऑपरेशन को कंप्यूटर स्क्रीन पर चुन सकते हैं।

हिंदी में माउस को “चूहा” कहा जाता है। माउस का हिंदी नाम इसलिए चूहा है क्योंकि इसका आकार और आंतरिक संरचना एक चूहे के समान होती है, जो कंप्यूटर की सतह पर घुमता रहता है और उपयोगकर्ता को स्क्रीन पर चीज़ों का चयन करने की सुविधा प्रदान करता है।

माउस (Mouse) एक हार्डवेयर उपकरण है जो कंप्यूटर सिस्टम के साथ काम करता है। यह इनपुट डिवाइस के रूप में कार्य करता है और उपयोगकर्ता को कंप्यूटर स्क्रीन पर विभिन्न कार्यों को प्राप्त करने और करने की सुविधा प्रदान करता है।

माउस एक छोटा सा उपकरण होता है जो कंप्यूटर उपयोगकर्ता द्वारा प्रयोग किया जाता है। यह कंप्यूटर की प्रमुख इनपुट डिवाइस में से एक होता है और उपयोगकर्ता को कंप्यूटर पर कार्य करने में सहायता प्रदान करता है। माउस को डेस्कटॉप या किसी अन्य सतह पर रखकर उपयोगकर्ता इसे अपने हाथ की चलने से नियंत्रित करता है।

माउस के प्रमुख कार्य निम्नलिखित होते हैं:

  • कर्सर को चलाना: माउस को उपयोग करके उपयोगकर्ता कर्सर को स्क्रीन पर चला सकता है और विभिन्न आइटमों को चुन सकता है।
  • प्रोग्राम खोलना या चलाना: माउस का उपयोग करके उपयोगकर्ता किसी आइकन, फोल्डर, या किसी अन्य प्रोग्राम को क्लिक करके खोल और चला सकता है।
  • चयन करना: माउस का उपयोग करके उपयोगकर्ता टेक्स्ट या अन्य आइटमों को चुन सकता है।
  • खींचना और छोड़ना: माउस का उपयोग करके उपयोगकर्ता किसी दस्तावेज़ या आइटम को खींचकर उसे दूसरी स्थान पर छोड़ सकता है।
  • हवर: माउस का उपयोग करके उपयोगकर्ता आइटमों के ऊपर हवर कर सकता है, जिससे उसकी जानकारी दिखाई जा सकती है।
  • स्क्रॉल: माउस का उपयोग करके उपयोगकर्ता बड़े दस्तावेज़ को ऊपर नीचे स्क्रॉल कर सकता है।

इस प्रकार, माउस कंप्यूटर के उपयोगकर्ता को अनेक कार्यों को सरल और आसान बनाता है।

Mouse के विभिन्न interfaces के बारे में आपकी जानकारी सही है, लेकिन कुछ और interfaces भी हैं जो आधुनिकतम तकनीकी उपयोग के साथ आजकल प्रचलित हैं। ये हैं:

Wireless Mouse (Bluetooth): ये माउस बिना केबल के होते हैं और Bluetooth technology का उपयोग करके कंप्यूटर से कनेक्ट होते हैं। ये प्रायः लैपटॉप और टैबलेट के साथ उपयोग किए जाते हैं।

Wireless Mouse (RF): इन माउसों के लिए एक विशेष RF receiver होता है जो USB पोर्ट में प्लग किया जाता है। ये RF माउस और receiver के बीच के आसपास 10 मीटर की दूरी तक काम कर सकते हैं।

Optical Mouse: ये माउस एक optical sensor का उपयोग करते हैं जो माउस को पटरी पर हलके से स्कैन करता है। इसका उपयोग करने से कुछ परिस्थितियों में माउस पर कोई गोली नहीं होती, और यह आसानी से अलग-अलग परिस्थितियों में काम कर सकता है।

Laser Mouse: ये एक लेजर लाइट का उपयोग करते हैं जो स्थिरता और अधिक बारीकी के साथ स्कैनिंग करता है। ये optical mouse की तुलना में अधिक विस्तृत सतहों पर काम कर सकते हैं।

Gaming Mouse: ये माउस खासकर गेमिंग के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं। इनमें अधिक DPI (dots per inch) समर्थन होता है, जिससे वे अधिक संवेदनशीलता और प्रेसिजन प्रदान करते हैं। इनमें अधिक बटन और कस्टमाइजेशन के विकल्प भी होते हैं।

ये थे कुछ और माउस interfaces जो आजकल उपयोग में हैं। वे योग्यता, तकनीकी उपयोग, और उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के आधार पर चयन किए जा सकते हैं।

वायरलेस माउस एक प्रकार का कंप्यूटर इनपुट डिवाइस होता है जो बिना किसी तंतु (केबल) के काम करता है। इसका उपयोग कंप्यूटर या लैपटॉप के साथ जोड़ने के लिए तंतुओं की आवश्यकता नहीं होती है।

वायरलेस माउस डेटा को इंफ्रारेड रेडिएशन या रेडियो (जैसे कि ब्लूटूथ) के माध्यम से ट्रांसमिट करता है। इंफ्रारेड रेडिएशन वाले माउस को इंफ्रारेड सेंसर के माध्यम से कंप्यूटर से कनेक्ट किया जाता है, जबकि रेडियो या ब्लूटूथ वाले माउस को उसके रिसीवर के माध्यम से कंप्यूटर से कनेक्ट किया जाता है।

वायरलेस माउस को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए एक रिसीवर का उपयोग किया जाता है, जिसे कंप्यूटर के सीरियल या USB पोर्ट से कनेक्ट किया जाता है। कुछ माउसों में ब्लूटूथ तंतु भी अंतर्निहित होता है, जिससे उपयोगकर्ता बिना किसी अतिरिक्त रिसीवर के माउस को कंप्यूटर से कनेक्ट कर सकता है।

आजके मॉडर्न वायरलेस माउसों में अधिकांश में USB रिसीवर का उपयोग किया जाता है। कुछ माउसों में रिसीवर को माउस में सुरक्षित रूप से स्टोर किया जा सकता है, जबकि कुछ में “नैनो” रिसीवर होते हैं जो बहुत ही छोटे होते हैं और उन्हें हमेशा कंप्यूटर के USB पोर्ट में चलाए रखा जा सकता है।

ये आधुनिक विविधताओं वाले माउस बिना केबल के कनेक्ट होने की वजह से बहुत ही लोकप्रिय हैं। कुछ वायरलेस माउस ब्लूटूथ कनेक्शन के माध्यम से कंप्यूटर से जुड़ते हैं, जबकि दूसरे USB रिसीवर के माध्यम से कनेक्ट किए जाते हैं। इन माउसों को बैटरी से पावर प्रोवाइड किया जाता है, जो आमतौर पर AA टाइप की होती हैं।

एक बेसिक PC माउस का डिज़ाइन आमतौर पर निम्नलिखित भागों से मिलता है:

  • बाया (मुख्य) बटन: यह बटन आपके दाहिने हाथ के अंगूठे के नीचे आता है और इसका मुख्य उपयोग क्लिक करने के लिए होता है।
  • व्हील बटन: इसे केंद्र या व्हील भी कहा जाता है, यह बटन आपको स्क्रीन को ऊपर नीचे स्क्रॉल करने में मदद करता है और इसे आप बाया और दाहिने बटनों की तरह भी दबा सकते हैं।
  • दाहिना बटन: यह बटन विशेष कार्रवाई के लिए उपयोग किया जाता है और यह आमतौर पर ये एक संदेश प्राप्त करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।
  • माउस बॉडी: माउस का बॉडी आमतौर पर साबुन के आकार का होता है और आप इसे अपने हथेली के साथ पकड़ते हैं जबकि आप उंगलियों का उपयोग बटनों के साथ करते हैं।
  • विशेष बटन: कई माउस में अतिरिक्त विशेष बटन होते हैं, जो इंटरनेट नेविगेशन और अन्य विशेष कार्रवाई के लिए उपयोग किया जाता है।

माउस के टचपैड को “टचपैड” या “ट्रैकपैड” कहा जाता है। यह एक इनपुट डिवाइस होता है जिसे लैपटॉप और कुछ कीबोर्ड में इस्तेमाल किया जाता है। यह उपयोगकर्ता को उनके उंगलियों की मदद से कर्सर को मूव करने की अनुमति देता है और यह बाहरी माउस के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।

माउस की विविधता – माउस के भिन्न प्रकार

आज बाजार में माउस के कई प्रकार उपलब्ध हैं, जिनमें कुछ न कुछ विभिन्न प्रौद्योगिकी होती है जो उनके कार्य में अंतर करती है।

तारबंद माउस (Corded Mouse):

एक तारबंद माउस को कम्प्यूटर के साथ सीधे एक केबल (सीरियल, पीएस/२ या यूएसबी) के माध्यम से कनेक्ट किया जाता है। ये अपने ऑपरेशन के लिए पावर उसी पोर्ट से लेता है जिससे यह कनेक्ट होता है, इसलिए इसमें बाहरी बैटरी की आवश्यकता नहीं होती।

ताररहित माउस (Cordless/Wireless Mouse):

ताररहित माउस में कोई केबल नहीं होता और यह वायरलेस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करता है डेटा ट्रांसफर और कम्प्यूटर से कनेक्ट होने के लिए। यह उन स्थानों के लिए उपयुक्त होता है जहां तार का उपयोग करने में असुविधा होती है, जैसे यात्रा करते समय।

मैकेनिकल माउस (Mechanical Mouse):

मैकेनिकल माउस में एक गोला और कई रोलर्स होते हैं जो गति को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये माउस सामान्यत: तारबंद प्रकार के होते हैं और इनका उपयोग अधिकतर ऑप्टिकल माउस की तुलना में कम होता है।

ऑप्टिकल माउस (Optical Mouse):

ऑप्टिकल माउस माउस की स्थिति और गति को ट्रैक करने के लिए ऑप्टिकल इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग करता है। इन्हें मैकेनिकल माउस के समान भरोसेमंद माना जाता है, और इनकी रखरखाव की आवश्यकता कम होती है।

इन माउसों की प्रदर्शन की गुणवत्ता उस सतह पर निर्भर करती है जिस पर वे ऑपरेट किए जाते हैं।

माउस एक यंत्र है जो कंप्यूटर उपयोगकर्ता को इंटरफेस करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका मुख्य काम है कंप्यूटर की स्क्रीन पर कर्सर को नियंत्रित करना। माउस एक प्वाइंट और क्लिक उपकरण होता है, जिसका उपयोग कंप्यूटर की विभिन्न कार्यों और ऑपरेशन को संचालित करने के लिए किया जाता है।

माउस के दो प्रमुख प्रकार होते हैं – बॉल माउस और ऑप्टिकल/लेजर माउस।

बॉल माउस में, एक गोला बॉल माउस के नीचे स्थित होता है, जो आंतरिक गतिशीलता को मापने के लिए प्रयुक्त होता है। जब आप माउस को अपने डेस्क पर रोल करते हैं, तो इस बॉल का निचला सतह भी रोल होता है। यह रोलिंग माउस को आगे-पीछे और साइड-साइड मार्ग के लिए सक्रिय करता है। दो प्लास्टिक रोलर्स होते हैं, जो कि पतले पहियों के साथ जुड़े होते हैं, और ये आगे की दिशा में आगे की दिशा में घुसते हैं।

ये दोनों पहिये आपके हाथ की गतियों को मापते हैं। जब आप माउस को उठाते हैं, तो एक पहिया ऊपर-नीचे की दिशा में घूमेगा, जबकि दूसरा पहिया साइड-टू-साइड की दिशा में घूमेगा। इस गति को एक स्क्रीन पर कर्सर के स्थान को बदलने के लिए उपयोग किया जाता है।

इसके अलावा, पहियों के बारे में छोटा सा सोचाई बदलाव भी किया गया है। दोनों पहियों में छोटी सी प्लास्टिक की बार होती है, और जब ये घुमती हैं, तो वे एक प्रकाश बीम को टूटते हैं।

जितनी अधिक प्रकाश बीम के टूटने की घटना होगी, उतनी ही अधिक घटनाओं का आंकन किया जाएगा। यह मापन करने के लिए एक छोटा सा माइक्रोचिप प्रयुक्त किया जाता है, जो इस डेटा को कंप्यूटर तक केबल के माध्यम से भेजता है।

आपके कंप्यूटर में स्थापित सॉफ्टवेयर यह डेटा के आधार पर कंप्यूटर की स्क्रीन पर कर्सर को नियंत्रित करता है, जो आपके माउस के गतिविधियों के अनुसार स्थानांतरित होता है।

बॉल कंप्यूटर माउस कैसे काम करता है:

जब हम अपने बॉल माउस को अपने डेस्क पर रोल करते हैं, तो नीचे स्थित बॉल भी अपने वेट से रोल होने लगती है और उसके साथ जुड़े दो प्लास्टिक रोलर्स जो कि पतले पहियों के साथ जुड़े होते हैं, आगे धकेलते हैं।

इन दोनों पहियों में से एक पहिया ऊपर-नीचे की दिशा की गतियों (जैसे की y-धुरी एक ग्राफ/चार्ट पेपर की) को डिटेक्ट करता है; वहीं दूसरा पहिया साइड-टू-साइड गतियों (जैसे की x-धुरी एक ग्राफ/चार्ट पेपर की) को डिटेक्ट करता है।

अब सवाल उठता है कि ये पहिये आपके हाथ की गतियों को कैसे मापते हैं? जब आप माउस को सीधे ऊपर की ओर ले जाते हैं, तो केवल y-धुरी का पहिया ही घूमेगा; वहीं अगर आप उसे दाहिने में ले जाते है

Ball Mouse के कुछ नुकसान निम्नलिखित होते हैं:

  • सतह पर अस्थायिता: Ball Mouse सभी प्रकार की सतहों पर सही ढंग से काम नहीं करता है। इसके लिए विशेष Mouse Mat की आवश्यकता होती है।
  • गंदगी और मैल: इसके rollers और रबर बॉल अधिकतर समय इस्तेमाल में मैले हो जाते हैं, जिससे माउस की परफॉर्मेंस प्रभावित होती है।
  • अधिक साफ-सफाई की आवश्यकता: Ball Mouse को निरंतर साफ़ करने की आवश्यकता होती है ताकि इसकी सही परफॉर्मेंस बनी रहे।

इन नुकसानों के कारण, आजकल अधिकांश उपयोगकर्ता Optical Mouse का उपयोग करते हैं, जो कि Ball Mouse की उलटी बोलती है और इसके नुकसानों से मुक्त होती है।

Optical Mouse कैसे काम करती है:

  • LED और Reflected Light: Optical mouse में एक LED (Light Emitting Diode) होता है जो की mouse के पीछे लगा होता है और वह डेस्क की सतह पर प्रकाश डालता है। यह प्रकाश फिर से डेस्क पर से प्रतिबिम्बित होता है।
  • Photocell: Mouse के नीचे एक photocell (photoelectric cell) होता है, जो डेस्क की सतह से बहुत ही निकट होता है। यह उस प्रतिबिम्बित प्रकाश को मापता है।
  • Lens: Photocell के सामने एक लेंस होती है जो की प्रतिबिम्बित प्रकाश को बड़ा करती है, ताकि उसे ठीक से मापा जा सके।
  • हस्तक्षेप: जब आप माउस को डेस्क पर हिलाते हैं, तो प्रतिबिम्बित प्रकाश की पैटर बदलती है। इस पैटर को चिप (chip) जो माउस के अंदर होता है वह मानकर आपके हाथ के गतिविधि को निकालता है।
  • माउस की गति का मापन: इस तरह, optical mouse आपके हाथ के गतिविधि को प्रेसाइसली मापता है, और कंप्यूटर को यह जानने में मदद करता है कि माउस किस दिशा में हिलाया जा रहा है।

Optical Mouse के नुकसान:

  • तार के साथ जुड़ी: Optical mouse की उपयोगिता तार के माध्यम से काम करती है, जिससे यह कार्य करती है।
  • काम करने के लिए डेस्क की सतह की आवश्यकता: Optical mouse को उच्च गुणवत्ता की सतह की आवश्यकता होती है ताकि यह प्रकाश को सही ढंग से प्रतिबिम्बित कर सके।
  • वायर्ड: Optical mouse का तार इसे आपके कंप्यूटर से जोड़ता है, इसलिए आपको उससे ज्यादा दूर जाने की अनुमति नहीं होती।

इन नुकसानों के कारण, कुछ लोग बेहतर नियंत्रण और सुगमता के लिए वायरलेस माउस का उपयोग करते हैं।

वायरलेस माउस विशेष रूप से optical mouse के समान प्रकार से काम करता है, लेकिन इसमें एक प्रमुख अंतर होता है – यह बिना केबल के काम करता है। इसका अर्थ है कि यह अपने संचार के लिए केबल या वायर का उपयोग नहीं करता है, बल्कि यह बिना तार के रेडियो या इंफ्रारेड सिग्नल के माध्यम से कंप्यूटर से संचरण करता है।

वायरलेस माउस का परिचय करते समय इसके कुछ महत्वपूर्ण विशेषताओं को ध्यान में रखना चाहिए:

बैटरी आधारित पावर: वायरलेस माउस को चलाने के लिए बैटरी की आवश्यकता होती है, जो उसके आउटपुट डिवाइस से अलग होती है। इसका मतलब है कि उपयोगकर्ता को समय-समय पर बैटरी को बदलने या चार्ज करने की आवश्यकता होती है।

  • रेडियो या इंफ्रारेड संचार: वायरलेस माउस किसी रेडियो या इंफ्रारेड संचार तकनीक का उपयोग करते हैं ताकि वे कंप्यूटर से बिना केबल के जुड़ सकें।
  • बैटरी लाइफ: वायरलेस माउस की बैटरी लाइफ बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इसके खत्म हो जाने पर माउस का उपयोग बंद हो जाता है। यहां उपयोगकर्ता को बैटरी की दिन-चर्या और स्तिथि का समर्थन करने वाले माउस का चयन करना चाहिए।
  • लग्जरी कीमत: वायरलेस माउस अक्सर वायर्ड माउस से महंगा होता है, इसलिए यह उपयोगकर्ताओं के लिए थोड़े आरामदायक या लग्जरी के रूप में देखा जाता है।

इस प्रकार, वायरलेस माउस के कुछ नुकसान हैं, जैसे कि बैटरी की आवश्यकता, जो कभी-कभी उपयोगकर्ता को असुविधा प्रदान कर सकती है। लेकिन यह बेहद उपयोगी और सुविधाजनक भी होत

आपकी बात सही है, तकनीकी उन्नति और एआई के विकास के साथ, हमारे उपयोगकर्ता अनुभव में भी बदलाव हो रहा है। माउस के बजाय वॉयस कमांड्स, टच स्क्रीन, और अन्य हाथ के प्रयोग को बढ़ावा मिल रहा है। यहां कुछ और भविष्य के माउस के विकास के क्षेत्र में आंकलन किया जा सकता है:

  • Gesture Recognition Mouse: यह माउस उपयोगकर्ताओं के हाथ की गतियों को पहचानता है और उन्हें कार्यों को संचालित करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। इससे उपयोगकर्ता बिना किसी बटन के दबाए या किसी चिकित्सा आपातकालीनता का अनुप्रयोग किए, कंप्यूटर को नियंत्रित कर सकते हैं।
  • Brain-Computer Interface (BCI) Mouse: यह विकल्प उपयोगकर्ता के ब्रेन सिग्नल को पढ़ता है और उसे कंप्यूटर को संचालित करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इससे विकल्पित विकल्प की स्थानीय संगति और उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार होता है।
  • Augmented Reality (AR) Mouse: यह माउस आधुनिक वास्तविकता (AR) तकनीक के साथ आता है जो उपयोगकर्ताओं को वास्तविक और आभासी विश्व के बीच संचरण करने में मदद करता है। उपयोगकर्ता एक वास्तविक प्रयोगशाला में माउस का उपयोग करके अनुभव कर सकते हैं और उन्हें डिजिटल वस्तुओं के साथ इंटरेक्ट करने की अनुमति देता है।
  • Haptic Feedback Mouse: यह माउस हैप्टिक प्रतिक्रिया प्रदान करता है, जो उपयोगकर्ताओं को वास्तविक स्पर्श और अनुभव के साथ डिजिटल वस्तुओं के साथ इंटरेक्ट करने की अनुमति देता है।

जैसा कि तकनीकी उन्नति होती जा रही है, हम माउस के अगले पीढ़ी की संभावनाओं के बारे में भी सोच सकते हैं जो उपयोगकर्ता अनुभव को और भी सरल और उपयोगी बनाएगा।

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