कंप्यूटर मॉनिटर एक विशेष प्रकार का display device होता है जो कंप्यूटर सिस्टम का उपयोगकर्ता को visual output प्रदान करता है। यह किसी भी कंप्यूटर या डेटा प्रोसेसिंग डिवाइस से आने वाली डिजिटल सिग्नल्स को प्रदर्शित करने के लिए डिजाइन किया जाता है।
एक मॉनिटर के विभिन्न प्रकार होते हैं जैसे CRT (Cathode Ray Tube), LCD (Liquid Crystal Display), LED (Light Emitting Diode), और OLED (Organic Light Emitting Diode)।
ये प्रकार अपने अलग-अलग तकनीकी फंक्शन्स और विशेषताओं के साथ आते हैं।
- CRT (Cathode Ray Tube): ये पुराने प्रकार के मॉनिटर होते हैं जो की एक बड़ी चुबक्की जैसे होते हैं और इसमें एक बिजली के बैल द्वारा इलेक्ट्रॉन्स बनाए जाते हैं जो कि स्क्रीन पर प्रकाश प्रदर्शित करते हैं। ये आजकल अधिकतर उपयोग में नहीं आते।
- LCD (Liquid Crystal Display): ये मॉनिटर थिन और लाइटवेट होते हैं और इनमें तरल क्रिस्टल्स का उपयोग किया जाता है जो विभिन्न प्रकार की विद्युतीय प्रेरणा के आधार पर प्रकाश को पारगमित करते हैं।
- LED (Light Emitting Diode): ये मॉनिटर भी थिन होते हैं और इनमें एलईडी प्रकार के प्रकाश इमिटिंग डायोड्स का उपयोग किया जाता है जो प्रकाश प्रदर्शित करने के लिए होते हैं।
- OLED (Organic Light Emitting Diode): ये भी एक प्रकार का LED होता है, लेकिन इसमें ऑर्गेनिक केमिकल का उपयोग किया जाता है जो कि बेहद पतले और फ्लेक्सिबल होते हैं।
मॉनिटर की प्रदर्शन क्षमता को मापने के लिए कई तत्व होते हैं, जैसे कि बेताबिदता, कन्ट्रास्ट अनुपात, संकल्पना, डॉट पिच, प्रतिक्रिया समय, रिफ्रेश दर, और विद्युत खपत।
अक्सर मॉनिटर में ये सामान्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं जैसे कि मृत पिक्सेल्स, धुंधला स्क्रीन, फॉस्फर-जलन आदि, जिन्हें ठीक करने के लिए कई तकनीकी समाधान होते हैं।
यह सभी जानकारी लोगों को मॉनिटर के बारे में अधिक समझने में मदद कर सकती है।
यहाँ हिंदी में “मॉनिटर” का मतलब बताया गया है:
कंप्यूटर मॉनिटर असल में एक आउटपुट डिवाइस होता है जिसे तकनीकी रूप से “विजुअल डिस्प्ले यूनिट” कहा जाता है। यह एक आउटपुट उपकरण होता है जो कंप्यूटर सीपीयू की सभी जानकारी को मॉनिटर स्क्रीन पर प्रदर्शित करता है। यह कंप्यूटर और उपयोगकर्ता के बीच एक इंटरफेस की तरह काम करता है।
एक केबल को वीडियो एडाप्टर या वीडियो कार्ड के साथ कनेक्ट किया जाता है, जिसे कंप्यूटर की मदरबोर्ड के साथ सेटअप किया जाता है।
मॉनिटर टेलीविजन के साथ बहुत ही समान दिखता है। दोनों में मुख्य अंतर यह है कि मॉनिटर में टेलीविजन ट्यूनर नहीं होता है जिसका उपयोग चैनलों को बदलने के लिए किया जाता है, जबकि टेलीविजन में होता है। मॉनिटर में टेलीविजन की तुलना में उच्च डिस्प्ले संकल्प होता है। उच्च डिस्प्ले संकल्प से छोटे अक्षर और फाइन ग्राफिक्स को देखने की सुविधा प्राप्त होती है।
एक मॉनिटर को स्क्रीन, डिस्प्ले, वीडियो डिस्प्ले, वीडियो डिस्प्ले टर्मिनल, वीडियो डिस्प्ले यूनिट, या वीडियो स्क्रीन इत्यादि नामों से भी जाना जाता है।
मॉनिटर की परिभाषा यह है:
मॉनिटर एक कंप्यूटर का आउटपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर सिस्टम के द्वारा प्रोसेस किए गए डेटा और जानकारी को उपयोगकर्ता को दिखाने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह डिस्प्ले यूनिट के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह जानकारी को स्क्रीन पर दिखाता है।
मॉनिटर सीपीयू से जुड़ा होता है और जब यूजर कंप्यूटर में इनपुट देता है तो मॉनिटर कंप्यूटर स्क्रीन पर उस इनपुट का परिणाम दिखाता है। इससे उपयोगकर्ता विभिन्न तरह की जानकारी जैसे छवि, वीडियो, और पाठ को देख सकता है।
मॉनिटर के अलावा इसे “डिस्प्ले” भी कहा जाता है, और कभी-कभी इसे “विजुअल डिस्प्ले यूनिट” भी कहा जाता है।
मॉनिटर का आविष्कार Karl Ferdinand Braun ने 1897 में किया था। उन्होंने पहला cathode ray tube (CRT) invent किया था, जो कंप्यूटर मॉनिटरों के लिए आधारभूत तकनीक है।
एक computer monitor का मुख्य काम उसके video card द्वारा प्रोसेस किए गए जानकारी को display करना है। जब एक video card या graphics card बाइनरी जानकारी को छवियों में convert करता है, तो यह छवियाँ monitor में प्रदर्शित की जा सकती हैं। इसके माध्यम से उपयोगकर्ता कंप्यूटर के साथ संवाद कर सकते हैं और उससे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सुपर कंप्यूटर एक बहुत शक्तिशाली और अधिकतम प्रदर्शन क्षमता वाला कंप्यूटर होता है जो बड़े और जटिल कार्यों को करने के लिए उपयोग किया जाता है।
CPU, जिसे Central Processing Unit कहा जाता है, कंप्यूटर का मस्तिष्क के रूप में काम करता है। यह कंप्यूटर के सभी कार्यों का नियंत्रण करता है और कार्रवाई करता है।
डेटा एक अविचलित रूप से संग्रहित किया जाने वाला जानकारी है जो कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के द्वारा प्रोसेस किया जा सकता है। इसमें टेक्स्ट, छवियाँ, वीडियो, ऑडियो, आदि शामिल हो सकता है।
इस प्रकार, computer monitor का मुख्य कार्य computer से आउटपुट जानकारी को प्रदर्शित करना है, जिससे उपयोगकर्ता कंप्यूटर के साथ इंटरैक्ट कर सके। इसे एक output device के रूप में श्रेणीबद्ध किया जाता है और यह पूरे computer system के लिए महत्वपूर्ण होता है।
कंप्यूटर मॉनिटर के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख प्रकारों का उल्लेख निम्नलिखित है:
CRT Monitors (Cathode Ray Tube): ये मॉनिटर पुराने विधि का हैं, जो विद्युत चुंबकीय तरंग (Cathode Ray) का उपयोग करते हैं। ये bulky होते हैं और ज्यादा ऊर्जा का उपयोग करते हैं।
LCD Monitors (Liquid Crystal Display): ये मॉनिटर तरंगों के माध्यम से छवियों को प्रदर्शित करते हैं। इनमें बजाय काठोड रे ट्यूब के, छवियों को प्रकाशित करने के लिए तरंगों का इस्तेमाल होता है।
LED Monitors (Light Emitting Diode): ये एक प्रकार के LCD मॉनिटर होते हैं, जिनमें LED प्रकाशकों का उपयोग किया जाता है। ये पिछले दो प्रकार के मॉनिटर की तुलना में कम ऊर्जा का उपयोग करते हैं और उनसे बेहतर छवि गुणवत्ता प्रदान करते हैं।
Plasma Monitors: ये मॉनिटर को छोटे गोलीयों में विभाजित किया जाता है, जो छवियों को प्रदर्शित करते हैं। ये प्रकार के मॉनिटर बहुत कम पाये जाते हैं आजकल।
OLED Monitors (Organic Light Emitting Diode): ये एक नई प्रकार के मॉनिटर हैं जो आर्द्रघन विद्युत उत्सर्जन डायोड (OLED) प्रकाशकों का उपयोग करते हैं। ये मॉनिटर अधिकतम छवि गुणवत्ता और प्रदर्शन समर्थन प्रदान करते हैं।
इन्हें अलग-अलग विशेषताओं के आधार पर चुना जा सकता है, जैसे की ऊर्जा की खपत, गुणवत्ता, और मूल्य। आजकल LED और LCD मॉनिटर सबसे अधिक उपयोग किए जाते हैं क्योंकि वे अधिक उपयुक्त और ऊर्जा की दृष्टि से अधिक कारगर हैं।
रंग के आधार पर मॉनिटर के प्रकारों को विस्तार से समझाते हैं:
मोनोक्रोम (Monochrome): ये मॉनिटर एक ही रंग में छवियों को प्रदर्शित करते हैं, जैसे की सफेद-सियाह या हरा। ये मुख्यत: पुराने स्टाइल के टेक्स्ट मॉनिटर्स में पाए जाते हैं जो केवल टेक्स्ट दिखाते हैं।
ग्रे-स्केल (Gray Scale): ग्रे-स्केल मॉनिटर सफेद से काले तक के कई शैडों में छवियों को प्रदर्शित करते हैं। इसमें गहरे और हलके ग्रे रंग होते हैं, जिससे चित्रों की अधिक गहराई प्राप्त होती है।
रंगीन मॉनिटर (Color Monitor): ये मॉनिटर विभिन्न रंगों में छवियों को प्रदर्शित करते हैं, जैसे की लाल, हरा, नीला, पीला, आदि। ये सभी प्राइमरी और सेकेंडरी रंगों का उपयोग करते हैं। रंगीन मॉनिटर्स कार्यक्षमता और रंगों की विविधता में अधिकतम सुविधा प्रदान करते हैं।
इन नए प्रौद्योगिकियों के मुख्य लाभों में इनकी उत्कृष्ट कार्यक्षमता, कम ऊर्जा की खपत, और पर्यावरण से मिलने वाले प्रभावों की कमी शामिल है। इनकी तकनीकी विशेषताओं के कारण, ये अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं और उपयोगकर्ताओं की पसंद बन रहे हैं।