मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?

मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) वह सॉफ़्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म है जो मोबाइल डिवाइस, जैसे स्मार्टफोन और टैबलेट, को चलाने और संचालित करने के लिए आवश्यक होता है। यह हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर के बीच एक इंटरफ़ेस के रूप में कार्य करता है, जिससे उपयोगकर्ता अपने डिवाइस के विभिन्न फीचर्स और ऐप्लिकेशन्स का उपयोग कर सकते हैं। मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम का मुख्य उद्देश्य डिवाइस के संसाधनों का प्रबंधन करना, विभिन्न ऐप्लिकेशन्स को चलाना, और उपयोगकर्ताओं को एक सहज और इंटरैक्टिव अनुभव प्रदान करना है। यह उपयोगकर्ताओं को टच स्क्रीन, कैमरा, जीपीएस, वाई-फाई, ब्लूटूथ, और अन्य हार्डवेयर के माध्यम से अपने डिवाइस के विभिन्न फंक्शंस का उपयोग करने की अनुमति देता है।

मोबाइल में कितने ऑपरेटिंग सिस्टम होते हैं?


मोबाइल उपकरणों के लिए विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख और व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं, जबकि अन्य सीमित उपयोग और लोकप्रियता के हैं। प्रमुख मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम निम्नलिखित हैं:

  1. एंड्रॉइड (Android): गूगल द्वारा विकसित, यह सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह एक ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म है और विभिन्न निर्माताओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है, जैसे सैमसंग, वनप्लस, शाओमी, आदि।
  2. आईओएस (iOS): एप्पल द्वारा विकसित, यह ऑपरेटिंग सिस्टम केवल एप्पल के उपकरणों जैसे आईफोन, आईपैड और आईपॉड टच में इस्तेमाल होता है।
  3. हुआवेई हार्मनीओएस (HarmonyOS): हुआवेई द्वारा विकसित एक नया ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो एंड्रॉइड के विकल्प के रूप में उभरा है। इसे हुआवेई के कुछ उपकरणों में उपयोग किया जा रहा है।
  4. सैमसंग टिज़ेन (Tizen): सैमसंग द्वारा विकसित, यह मुख्य रूप से स्मार्टवॉच, स्मार्ट टीवी, और कुछ अन्य उपकरणों में इस्तेमाल होता है।
  5. यूनीव (UNISOC): यह एक चाइनीज ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसका उपयोग कुछ विशेष उपकरणों में होता है।

पुराने और अब कम इस्तेमाल होने वाले मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम्स:

  1. विंडोज फोन (Windows Phone): माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित, इस ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग अब बहुत कम हो गया है और माइक्रोसॉफ्ट ने इसका समर्थन बंद कर दिया है।
  2. ब्लैकबेरी ओएस (BlackBerry OS): यह एक समय में बहुत लोकप्रिय था, लेकिन अब इसका उपयोग लगभग समाप्त हो गया है।
  3. सिम्बियन (Symbian): नोकिया द्वारा विकसित यह ऑपरेटिंग सिस्टम अब पुराना हो चुका है और इसका उपयोग लगभग नहीं होता है।
  4. फायरफॉक्स ओएस (Firefox OS): मोज़िला द्वारा विकसित, यह एक ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम था, लेकिन इसे व्यापक रूप से अपनाया नहीं गया और अब इसका विकास बंद हो गया है।

इस प्रकार, प्रमुख मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में एंड्रॉइड और आईओएस का वर्चस्व है, जबकि अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम या तो विशेष उपयोग के लिए होते हैं या अब उपयोग में नहीं हैं।

एंड्रॉइड का मालिक कौन है?


एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का मालिक और प्रमुख डेवलपर गूगल (Google) है। गूगल ने एंड्रॉइड इंक. (Android Inc.) नामक कंपनी को 2005 में अधिग्रहित किया था। इस कंपनी की स्थापना 2003 में एंडी रुबिन (Andy Rubin), रिच माइनर (Rich Miner), निक सियर्स (Nick Sears), और क्रिस वाइट (Chris White) द्वारा की गई थी। एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम का पहला वर्जन 2008 में रिलीज़ हुआ था।

गूगल ने एंड्रॉइड को एक ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया, जिसे एंड्रॉइड ओपन सोर्स प्रोजेक्ट (AOSP) कहा जाता है। इसके तहत, एंड्रॉइड का सोर्स कोड सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और कोई भी निर्माता इसे अपने डिवाइसों में उपयोग कर सकता है। हालांकि, गूगल विभिन्न सेवाओं और ऐप्स के लिए प्रोप्राइटरी सॉफ़्टवेयर और लाइसेंसिंग का उपयोग करता है, जैसे गूगल प्ले स्टोर, गूगल मैप्स, और गूगल सर्च।

इस प्रकार, एंड्रॉइड का डेवलपमेंट और प्रमुख नियंत्रण गूगल के पास है, और यह दुनिया का सबसे लोकप्रिय मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम बन चुका है।

क्या मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम ओपन सोर्स है?

मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम्स में से कुछ ओपन सोर्स हैं, जबकि अन्य नहीं हैं। यहां कुछ प्रमुख मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम्स के बारे में जानकारी दी जा रही है:

ओपन सोर्स मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम्स:

  1. एंड्रॉइड (Android):
    • ओपन सोर्स प्रोजेक्ट: एंड्रॉइड ओपन सोर्स प्रोजेक्ट (AOSP) के तहत एंड्रॉइड का सोर्स कोड सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। इसका मतलब है कि कोई भी डेवलपर या निर्माता इस कोड का उपयोग कर सकता है और इसे अपने हिसाब से मॉडिफाई कर सकता है।
    • गूगल की सेवाएं: हालांकि, गूगल की सेवाएं जैसे गूगल प्ले स्टोर, गूगल मैप्स, आदि प्रोप्राइटरी हैं और इनके लिए गूगल की लाइसेंसिंग की आवश्यकता होती है।
  2. क्लाइन ओएस (KaliN OS):
    • यह एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसे विशेष रूप से सिक्योरिटी टेस्टिंग और फॉरेंसिक के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  3. फायरफॉक्स ओएस (Firefox OS):
    • मोज़िला द्वारा विकसित, यह एक ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम था, हालांकि अब इसका विकास बंद हो गया है।

प्रोप्राइटरी (Closed Source) मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम्स:

  1. आईओएस (iOS):
    • एप्पल का आईओएस एक प्रोप्राइटरी ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसका सोर्स कोड सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है और इसे केवल एप्पल के डिवाइसों में ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
  2. विंडोज फोन (Windows Phone):
    • माइक्रोसॉफ्ट का यह ऑपरेटिंग सिस्टम भी प्रोप्राइटरी था और अब इसका उपयोग बंद हो गया है।
  3. ब्लैकबेरी ओएस (BlackBerry OS):
    • ब्लैकबेरी द्वारा विकसित यह ऑपरेटिंग सिस्टम भी प्रोप्राइटरी था और अब इसका उपयोग नहीं होता है।

इस प्रकार, कुछ मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम्स जैसे एंड्रॉइड ओपन सोर्स हैं, जबकि अन्य जैसे आईओएस और विंडोज फोन प्रोप्राइटरी हैं। ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम्स को कोई भी उपयोग और मॉडिफाई कर सकता है, जबकि प्रोप्राइटरी ऑपरेटिंग सिस्टम्स का उपयोग और संशोधन निर्माता के नियंत्रण में होता है।

मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किस लिए किया जाता है?

मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) का उपयोग मुख्य रूप से मोबाइल उपकरणों, जैसे स्मार्टफोन, टैबलेट, और अन्य पोर्टेबल डिवाइसों को चलाने और नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को एक सहज और इंटरैक्टिव अनुभव प्रदान करना है। मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाता है:

  1. यूजर इंटरफेस प्रदान करना:
    • मोबाइल OS एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) प्रदान करता है, जिससे उपयोगकर्ता आसानी से अपने डिवाइस का उपयोग कर सकते हैं। इसमें टच स्क्रीन, वर्चुअल कीबोर्ड, और जेस्चर कंट्रोल शामिल होते हैं।
  2. एप्लिकेशन मैनेजमेंट:
    • मोबाइल OS विभिन्न एप्लिकेशन को इंस्टॉल, अनइंस्टॉल और मैनेज करने की सुविधा प्रदान करता है। यह एप्लिकेशन स्टोर (जैसे गूगल प्ले स्टोर, एप्पल ऐप स्टोर) के माध्यम से एप्लिकेशन डाउनलोड करने और अपडेट करने की अनुमति देता है।
  3. हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर इंटीग्रेशन:
    • यह डिवाइस के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच समन्वय स्थापित करता है, जैसे कि कैमरा, जीपीएस, सेंसर, माइक्रोफोन, और स्पीकर का उपयोग। इससे ऐप्स इन हार्डवेयर सुविधाओं का सही तरीके से उपयोग कर पाती हैं।
  4. कनेक्टिविटी:
    • मोबाइल OS विभिन्न कनेक्टिविटी विकल्पों का समर्थन करता है, जैसे वाई-फाई, ब्लूटूथ, एनएफसी, और मोबाइल डेटा (3G, 4G, 5G)। यह इंटरनेट ब्राउज़िंग, ईमेल, और सोशल मीडिया जैसी सेवाओं का उपयोग करने में मदद करता है।
  5. सुरक्षा:
    • मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम डिवाइस और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इसमें पासवर्ड, बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन (जैसे फिंगरप्रिंट और फेस आईडी), डेटा एन्क्रिप्शन, और सिक्योरिटी अपडेट्स शामिल हैं।
  6. प्रदर्शन और बैटरी मैनेजमेंट:
    • मोबाइल OS डिवाइस के प्रदर्शन और बैटरी उपयोग को मैनेज करता है। यह सुनिश्चित करता है कि एप्लिकेशन प्रभावी ढंग से चलें और बैटरी का अनुकूल उपयोग हो।
  7. मल्टीटास्किंग:
    • यह उपयोगकर्ताओं को एक साथ कई एप्लिकेशन चलाने की सुविधा देता है। उपयोगकर्ता एक एप्लिकेशन से दूसरे एप्लिकेशन में आसानी से स्विच कर सकते हैं।
  8. वॉयस असिस्टेंट:
    • अधिकांश आधुनिक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम वॉयस असिस्टेंट (जैसे गूगल असिस्टेंट, सिरी) प्रदान करते हैं, जो वॉयस कमांड के माध्यम से विभिन्न कार्यों को पूरा करने में मदद करते हैं।
  9. नोटिफिकेशन सिस्टम:
    • मोबाइल OS उपयोगकर्ताओं को महत्वपूर्ण सूचनाओं, जैसे मैसेज, कॉल, ईमेल, और एप्लिकेशन अपडेट्स की जानकारी देने के लिए नोटिफिकेशन सिस्टम प्रदान करता है।

इन सभी कार्यों के माध्यम से, मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि उपयोगकर्ता अपने मोबाइल डिवाइस का अधिकतम लाभ उठा सकें और विभिन्न एप्लिकेशन्स और सेवाओं का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें।

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