कंप्यूटर मेमोरी: विवरण और प्रकार

कंप्यूटर मेमोरी एक महत्वपूर्ण तत्व है जो कंप्यूटर सिस्टम में डेटा, जानकारी, और निर्देशिका (instructions) को संग्रहित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह कंप्यूटर के सम्पूर्ण कार्यक्रमों और प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक होती है।

कंप्यूटर मेमोरी की प्रमुख गुणधर्मों में शामिल हैं:

  • स्थायीता (Persistence): कंप्यूटर मेमोरी डेटा को स्थायी रूप से संग्रहित करती है, अर्थात जब तक उपयोगकर्ता इसे साफ कर ना दे, तब तक डेटा सुरक्षित रहता है।
  • द्रव्यमानता (Volatility): कुछ मेमोरी प्रकार समय के साथ डेटा को खो देते हैं, जबकि अन्य डेटा को स्थायीता प्रदान करते हैं।
  • प्रकार (Types): कंप्यूटर मेमोरी के कई प्रकार होते हैं, जैसे कार्यकारी मेमोरी, प्राथमिक मेमोरी, और सैकंडरी मेमोरी।
  • कार्य (Function): मेमोरी कंप्यूटर प्रोसेसेस को सहेजने, पुनर्चलन, और डेटा को पुनः प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • उपलब्धता (Accessibility): कंप्यूटर मेमोरी की उपलब्धता और दक्षता उपयोगकर्ता के कंप्यूटर का कामकाज सुचारू रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण होती है।

कंप्यूटर मेमोरी की विभिन्न प्रकारों में ROM (Read-Only Memory), RAM (Random Access Memory), Cache Memory, Virtual Memory, और Secondary Memory शामिल हैं।

इन मेमोरी श्रेणियों का उपयोग कंप्यूटर के अलग कार्यों को संपन्न करने के लिए किया जाता है।

कंप्यूटर मेमोरी एक ऐसा स्टोरेज स्पेस होता है जिसमें डेटा को प्रोसेस किया जाता है और निर्देशिकाएं जो प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक होती हैं, वहाँ संग्रहित होती हैं।

कंप्यूटर मेमोरी को छोटे छोटे भागों में विभाजित किया जाता है जिन्हें कक्षेत्र कहा जाता है, और प्रत्येक क्षेत्र या कोशिका की एक अद्वितीय पता होती है, जिसे सेल कहा जाता है। प्रत्येक सेल की एक अद्वितीय पता होती है, जो 0 से मेमोरी का आकार – 1 तक होती है।

उदाहरण के लिए, अगर आपके कंप्यूटर में 64k शब्द हैं, तो इस मेमोरी इकाई में 64 * 1024 = 65536 मेमोरी स्थान होते हैं। इन मेमोरी स्थानों की पता 0 से 65535 तक बदलती है।

मेमोरी किसी भी कंप्यूटर के लिए महत्वपूर्ण होती है क्योंकि बिना इसके, कंप्यूटर को आसान कार्य भी नहीं कर सकता है। कंप्यूटर मेमोरी के दो मुख्य प्रकार होते हैं – प्राथमिक मेमोरी / वोलेटाइल मेमोरी और सेकेंडरी मेमोरी / नॉन-वोलेटाइल मेमोरी।

यहाँ पर रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM) एक वोलेटाइल मेमोरी होती है, जबकि रीड-ओनली मेमोरी (ROM) एक नॉन-वोलेटाइल मेमोरी होती है।

Primary  Memory/ Main Memory क्या होता है?

Primary Memory, जिसे Main Memory भी कहा जाता है, कंप्यूटर की मुख्य memory होती है जिसमें CPU को डाटा और instructions को अद्यतन करने के लिए तत्पर रखा जाता है। यह RAM (Random Access Memory) और ROM (Read Only Memory) की दो प्रमुख श्रेणियों में बांटी जाती है। RAM डाटा को temporary रूप से store करता है जबकि ROM में डाटा permanent रूप से store किया जाता है और यह प्रारंभिक बूटिंग प्रक्रिया और other essential instructions को store करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

Secondary Memory क्या होता है?

Secondary Memory, जिसे Auxiliary Memory भी कहा जाता है, कंप्यूटर में additional storage की प्रदान करता है जो की permanent रूप से डाटा को store करता है। इसमें Hard Disk Drives (HDDs), Solid State Drives (SSDs), Optical Drives (like CDs, DVDs), और अन्य मीडिया शामिल होते हैं। Secondary Memory की मुख्य विशेषता यह है की यह प्रमाणिकता और स्थायित्व में बेहतर होता है लेकिन RAM जैसी तेजी में पहुंच में पिछड़ा होता है।

Cache Memory के लाभ (Advantages):

तेजी: Cache memory मुख्य मेमोरी से बहुत अधिक तेज होती है। इसका प्रयोग करने से CPU डेटा और इंस्ट्रक्शन्स को तुरंत प्राप्त कर सकती है।

कम एक्सेस समय: Cache memory की एक्सेस समय मुख्य मेमोरी की तुलना में बहुत कम होता है, जिससे कंप्यूटर की कार्यक्षमता में सुधार होता है।

प्रोग्राम्स का तत्काल उपलब्धता: यह उन प्रोग्राम्स को स्टोर करता है जिन्हें कंप्यूटर ने हाल ही में एक्सेक्यूट किया है, ताकि उन्हें जल्दी से पुनः एक्सेक्यूट किया जा सके।

अस्थायी डेटा के लिए स्टोरेज: Cache memory अस्थायी डेटा को स्टोर करने के लिए प्रयोग होती है, जो कि कम समय के लिए प्रयोग किया जाता है और फिर से मुख्य मेमोरी से हटा दिया जाता है।

Cache Memory के दोष (Disadvantages):

  • सीमित क्षमता: Cache memory की क्षमता मुख्य मेमोरी की तुलना में कम होती है, इसलिए बड़े डेटा सेट्स को कवर करने में समस्या हो सकती है।
  • महंगाई: Cache memory बहुत ही महंगी होती है और इसके लिए उच्च कीमत चुकाई जाती है। इसलिए, बड़ी क्षमता के कैच मेमोरी को लगाना आर्थिक रूप से असंवेदनशील हो सकता है।
  • Primary Memory (Main Memory) कंप्यूटर की एक ऐसी मेमोरी होती है जो केवल उस समय तक डेटा और इंस्ट्रक्शन्स को होल्ड करती है जब कंप्यूटर वर्तमान में काम कर रहा होता है। यह मेमोरी बहुत ही सीमित क्षमता वाली होती है और जब पावर बंद किया जाता है, तो इसमें स्टोर किया गया डेटा खो जाता है।
  • इसमें सामान्यत: सेमीकंडक्टर डिवाइस का उपयोग किया जाता है। यह मेमोरी रजिस्टर्स की तुलना में धीमी होती है। प्रोसेसिंग या प्रोसेस करने के लिए आवश्यक डेटा और इंस्ट्रक्शन्स इसी मुख्य मेमोरी में स्थित रहते हैं।

Primary Memory को दो उप-श्रेणियों में विभाजित किया जाता है –

RAM और ROM।

Main Memory की विशेषताएं:

  • यह सेमीकंडक्टर मेमोरी होती है।
  • इसे मुख्य मेमोरी या प्राइम मेमोरी भी कहा जाता है।
  • यह सामान्यत: वोलेटाइल मेमोरी होती है।
  • पावर बंद होने पर इसमें स्टोर किया गया डेटा हर जाता है।
  • यह कंप्यूटर की काम करने की मेमोरी होती है।
  • यह सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में बहुत अधिक तेज होती है।
  • एक कंप्यूटर बिना प्राइमरी मेमोरी के नहीं चलता है।

RAM (Random Access Memory) कंप्यूटर की मेन मेमोरी का एक हिस्सा होता है जिसे कंप्यूटर प्रोसेसर (CPU) सीधे एक्सेस कर सकता है। RAM में डेटा को पढ़ा और लिखा जा सकता है, और CPU इसे याद करने या विवेक करने के लिए बार-बार एक्सेस कर सकता है।

RAM की मेमोरी volatile होती है, यानी जब पावर बंद होता है, तो इसमें स्टोर की गई जानकारी खो जाती है। ज्यादातर डेटा और प्रोग्राम्स जिन्हें की मॉडिफाई किया जाता है उन्हें RAM में स्टोर किया जाता है।

Integrated RAM chips के दो प्रमुख प्रकार होते हैं:

SRAM (Static RAM): यह RAM तेजी से डेटा एक्सेस करने की क्षमता के लिए जानी जाती है लेकिन यह कीमत में महंगी होती है।

DRAM (Dynamic RAM): यह रैम उच्च क्षमता के लिए कम कीमत पर उपलब्ध होती है, लेकिन इसमें डेटा को पुनर्लेखित करने की आवश्यकता होती है जो की अनियमितताओं का कारण बनती है।

ROM (Read Only Memory) एक प्रकार की प्रमाणित मेमोरी है जो केवल पढ़ी जा सकती है और इसे प्रोग्राम या डेटा को स्थायी रूप से संग्रहित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह कंप्यूटर की प्रारंभिक बूटिंग प्रक्रिया के लिए आवश्यक प्रोग्राम्स और अन्य महत्वपूर्ण डेटा को संग्रहित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह मेमोरी शक्ति की उपलब्धता के बिना भी डेटा को स्थायी रूप से धारण करती है, जिससे डेटा पुनः प्राप्त होता है जब ताकि कंप्यूटर पुनः चालू होता है।

ROM के विभिन्न प्रकार हैं, जैसे:

  • PROM (Programmable Read-Only Memory): यह ROM होता है जिसे उपयोगकर्ता द्वारा प्रोग्राम किया जा सकता है, लेकिन एक बार जब डेटा प्रोग्राम हो जाता है, तो इसे बदला नहीं जा सकता।
  • EPROM (Erasable Programmable Read-Only Memory): यह ROM होता है जिसे पुनर्लिखनीय ROM के रूप में जाना जाता है। इसे पुनः प्रोग्राम किया जा सकता है, लेकिन उसे पुराना डेटा मिटाने के लिए अल्ट्रा वायलेट लाइट को संवेदनशील करना पड़ता है।
  • EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read-Only Memory): यह ROM भी पुनर्लिखनीय ROM के रूप में जाना जाता है, लेकिन इसे बिजली के तार से मिटाया जा सकता है, जिससे इसे पुनः प्रोग्राम किया जा सकता है बिना किसी उल्टी लाइट की आवश्यकता के।

Secondary Memory, जिसे आमतौर पर “बैकअप मेमोरी” या “बहिर्मुखी मेमोरी” भी कहा जाता है, कंप्यूटर मेमोरी की एक प्रकार है जो कि प्रमुख मेमोरी के साथ अंतिमिक मेमोरी होती है। इसे “एक्सटर्नल मेमोरी” या “नॉन-वोलेटाइल मेमोरी” भी कहा जाता है। इसमें डेटा या जानकारी को स्थायी रूप से संग्रहित किया जाता है, जिसे प्राथमिक मेमोरी के बाद भी सुरक्षित रखा जाता है।

निम्नलिखित हैं Secondary Memory के विशेषताएँ:

  • मैग्नेटिक और ऑप्टिकल मेमोरी: यह मैग्नेटिक और ऑप्टिकल मीडिया में स्थित होता है, जैसे कि हार्ड ड्राइव, CD-ROM, DVD, आदि।
  • बैकअप मेमोरी: Secondary Memory को बैकअप मेमोरी भी कहा जाता है क्योंकि इसमें डेटा को सुरक्षित रूप से संग्रहित किया जाता है, जो कि प्राथमिक मेमोरी में होने वाली किसी भी नुकसान के मामले में उपयोगी होता है।
  • नॉन-वोलेटाइल मेमोरी: Secondary Memory नॉन-वोलेटाइल होती है, अर्थात्, इसमें डेटा को बिना विद्युत शक्ति के भी संग्रहित किया जाता है।
  • स्थायी डेटा संग्रहण: Secondary Memory में डेटा को स्थायी रूप से संग्रहित किया जाता है, यानी यदि विद्युत शक्ति बंद हो जाती है तो भी डेटा सुरक्षित रहता है।
  • कंप्यूटर डेटा संग्रहण: Secondary Memory का मुख्य उपयोग कंप्यूटर में डेटा या जानकारी को संग्रहित करने के लिए किया जाता है।
  • अवधारित मेमोरी: कंप्यूटर एक्सेस के लिए, CPU को पहले संदर्भ मेमोरी में डेटा को ट्रांसफर करना पड़ता है, और फिर उसे एक्सेस किया जाता है।
  • प्राथमिक मेमोरी के तुलना में धीमी: Secondary Memory प्राथमिक मेमोरी की तुलना में धीमी होती है, जिसका मतलब है कि डेटा को एक्सेस करने के लिए अधिक समय लगता है।

कंप्यूटर मेमोरी की इकाई (Unit of Computer Memory in Hindi)

  • बिट (Bit): यह सबसे छोटी मात्रिक इकाई है और इसमें केवल एक बाइनरी डिजिट (0 या 1) स्टोर किया जा सकता है।
  • बाइट (Byte): बाइट में आठ बिट्स होते हैं। यह इकाई कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में सामान्यतः उपयोग की जाती है। एक बाइट में एक अक्षर, एक अंक या एक संकेत हो सकता है।
1 बिट (bit)0 या 1
4 बिट (bit)1 निब्‍बल
8‍ बिट1 बाइट (Byte)
1000 बाइट (Byte)1 किलोबाइट (KB)
1024 किलोबाइट (KB)1 मेगाबाइट (MB)
1024 मेगाबाइट (MB)1 गीगाबाइट (GB)
1024 गीगाबाइट (GB)1 टेराबाइट (TB)
1024 टेराबाइट (TB)1 पेटाबाइट (PB)
1024 पेटाबाइट (PB)1 एक्साबाइट (EB)
1024 एक्साबाइट (EB)1 ज़ेटाबाइट (ZB)
1024 ज़ेटाबाइट (ZB)1 योटाबाइट (YB)

यही कुछ प्रमुख कंप्यूटर मेमोरी की इकाइयां हैं जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार के डेटा और इंफ़र्मेशन को स्टोर करने और संचित करने के लिए किया जाता है।

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