काली लिनक्स को “Offensive Security” नामक सुरक्षा फर्म ने विकसित किया है। यह एक स्पेशलाइज्ड लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन है जो सुरक्षा परीक्षण और नैतिक हैकिंग के उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया है। इसे 13 मार्च 2013 को लॉन्च किया गया था। काली लिनक्स के आधिकारिक बयान के अनुसार, यह एक प्रवेश परीक्षण और नैतिक हैकिंग लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन है। इसमें पहले से ही सुरक्षा संबंधित उपकरण प्री-लोड होते हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को नेटवर्क और कंप्यूटर सुरक्षा के विशेषज्ञों के लिए सुविधा प्राप्त होती है। काली लिनक्स का उपयोग विभिन्न सुरक्षा परीक्षण कार्यों, सिस्टम पेनेट्रेशन टेस्टिंग, डिजिटल फोरेंसिक्स, और नेटवर्क स्कैनिंग आदि के लिए किया जाता है।
काली लिनक्स एक विशेष Linux वितरण है जो साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदान करता है। यह एक ओपन-सोर्स उत्पाद है जिसमें कई customization और विशेषीकरण होते हैं, पेनेट्रेशन टेस्टिंग के लिए, जो कि कई कंपनियों को उनकी सुरक्षा की गई कमजोरियों को पहचानने में मदद करता है।
काली लिनक्स वास्तव में एक लिनक्स वितरण है, जो कि आमतौर पर लिनक्स कर्नेल, मूल उपयोगिताओं और एप्लिकेशंस का एक सेट और कुछ डिफ़ॉल्ट सेटिंग्स का बंडल होता है। इसलिए, यह उपयोगकर्ता को एक लाभान्वित और सजीव तरीके से किसी भी लिनक्स वितरण के साथ मिलता है।
काली लिनक्स का मुख्य अंतर यह है कि इसमें सभी उपकरण पूर्व-पैकेज़ किए जाते हैं और उनकी डिफ़ॉल्ट सेटिंग्स उनके उपयोग के अनुसार पहले से ही किए जाते हैं, जो किसी सामान्य डेस्कटॉप उपयोगकर्ता के लिए उपयुक्त होते हैं।
काली लिनक्स डेबियन लिनक्स वितरण पर आधारित होता है, और इसका प्रयोग विभिन्न डिवाइस पर किया जा सकता है। क्योंकि यह ओपन-सोर्स है, इसका उपयोग करना मुफ्त और कानूनी है, और इसलिए इसे व्यापार उपयोग में भी उपयोग किया जा सकता है।
हालांकि, कई विशेषज्ञ इसे केवल लिनक्स जानकारों द्वारा ही उपयोग किया जाना चाहिए और न कि नवागंतुकों द्वारा।
काली लिनक्स को तैयार किसने किया ?
काली लिनक्स को “Offensive Security” नामक सुरक्षा फर्म ने विकसित किया है। यह एक स्पेशलाइज्ड लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन है जो सुरक्षा परीक्षण और नैतिक हैकिंग के उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया है। इसे 13 मार्च 2013 को लॉन्च किया गया था। काली लिनक्स के आधिकारिक बयान के अनुसार, यह एक प्रवेश परीक्षण और नैतिक हैकिंग लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन है। इसमें पहले से ही सुरक्षा संबंधित उपकरण प्री-लोड होते हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को नेटवर्क और कंप्यूटर सुरक्षा के विशेषज्ञों के लिए सुविधा प्राप्त होती है। काली लिनक्स का उपयोग विभिन्न सुरक्षा परीक्षण कार्यों, सिस्टम पेनेट्रेशन टेस्टिंग, डिजिटल फोरेंसिक्स, और नेटवर्क स्कैनिंग आदि के लिए किया जाता है।
काली लिनक्स की शुरुआत
काली लिनक्स (Kali Linux) को 13 मार्च 2013 को लॉन्च किया गया था। इसकी शुरुआत BackTrack Linux के उन सभी संवर्धित संस्करणों के रूप में हुई थी, जो कि सिक्योरिटी परीक्षण और पेनेट्रेशन टेस्टिंग के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए विकसित किए गए थे।
BackTrack Linux को विकसित करने वाली कंपनी Offensive Security ने काली लिनक्स को लॉन्च किया। काली लिनक्स का मुख्य उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को एक शक्तिशाली सुरक्षा उपकरण प्रदान करना है जो कि पेनेट्रेशन टेस्टिंग, सिक्योरिटी ऑडिटिंग, कम्प्यूटर फोरेंसिक्स और रिवर्स इंजीनियरिंग जैसे कार्यों के लिए उपयुक्त हो।
काली लिनक्स एक Debian-based लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन है और इसमें कई प्रकार के सुरक्षा टूल्स और उपकरण शामिल हैं जो कि सुरक्षा परीक्षण कार्यों को सुगम बनाने में मदद करते हैं। काली लिनक्स का उपयोग साइबर सुरक्षा अनुभवी और नवाचार करने वाले उपयोगकर्ताओं द्वारा किया जाता है। इसके उपयोग से सुरक्षा परीक्षण प्रक्रिया को समर्थन मिलता है और नेटवर्क या सिस्टम की कमजोरियों को खोजने और उन्हें ठीक करने में मदद मिलती है।
Kali Linux का एक उच्चाधिकारिक सिस्टम होने के कारण कई विशेषताएँ होती हैं, जो इसे एक प्रोफेशनल और पेनटेस्टिंग उपकरण के रूप में प्रसिद्ध बनाती हैं। नीचे कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं:
- Root Access: Kali Linux में डिफ़ॉल्ट रूप से root यूजर के रूप में ही प्रारंभ होता है, जो उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा परीक्षण और नेटवर्क उत्तराधिकारिता के कार्यों के लिए आवश्यक अनुमतियाँ प्रदान करता है।
- सुरक्षा उपकरण: Kali Linux में सुरक्षा परीक्षण और अनुकरण के लिए बहुत सारे टूल्स उपलब्ध होते हैं, जो रेडियो टेस्टिंग, पासवर्ड क्रैकिंग, नेटवर्क स्कैनिंग, और वेब एप्लिकेशन परीक्षण जैसी टास्क को समर्थित करते हैं।
- कमांड लाइन और शेल स्क्रिप्टिंग: Kali Linux उपयोगकर्ताओं को शक्तिशाली कमांड लाइन उपकरणों के साथ आता है, जो उन्हें आवश्यक उपकरणों को विकसित और निष्पादित करने में सहायता करते हैं।
- पेनटेस्टिंग स्क्रिप्ट्स: Kali Linux के साथ आते हैं अनेक पेनटेस्टिंग स्क्रिप्ट्स जो खुद स्वतंत्रता और सुरक्षा के जाँच कार्यों को सरल बनाते हैं।
- समुद्री मज़दूर के उपयोगकर्ता अनुक्रम: Kali Linux में प्रयोगकर्ताओं को न्यूनतम इंटरफ़ेस के साथ काम करने की अनुमति होती है, जिससे उन्हें एक संक्षिप्त और सुरक्षित वातावरण मिलता है।
- गहरे संवेदनशीलता: Kali Linux विशेषताओं में गहरी संवेदनशीलता है जिसके कारण उपयोगकर्ता आसानी से सुरक्षा प्रक्रियाओं को नियंत्रित कर सकते हैं और आनुवांशिक परीक्षण और अनुसंधान कार्य कर सकते हैं।
Kali Linux Debian के आधार पर आधारित होता है और इसमें Debian के सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चर का उपयोग किया जाता है। इसलिए Kali Linux में आपको वे ही सॉफ्टवेयर मिलेंगे जो Debian में उपलब्ध होते हैं। हालांकि, कुछ पैकेज को संशोधित किया जाता है ताकि सुरक्षा को मजबूत बनाया जा सके और कुछ संभावित सुरक्षा दोषों को ठीक किया जा सके। इस प्रकार के पैच आमतौर पर vanilla kernel में उपलब्ध नहीं होते हैं। काली लिनक्स का उपयोग करते समय, आपको Debian सर्वर और मिरर्स पर निर्भरता नहीं होती, बल्कि इसे अपने सर्वरों पर ही बिल्ड किया जाता है।
काली लिनक्स के डिफ़ॉल्ट सॉफ्टवेयर स्रोतों के बारे में जानकारी:
deb http://http.kali.org/kali kali-rolling main contrib non-free
deb-src http://http.kali.org/kali kali-rolling main contrib non-free
कुछ विशेष सॉफ्टवेयर में, आपको यहां विशेष व्यवहार देखने को मिल सकता है जब आप किसी ऐसे ही समान प्रोग्राम को Kali Linux या किसी अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम में उपयोग करते हैं। इसलिए, Kali Linux की आधिकारिक दस्तावेज़ीकरण में स्पष्ट रूप से सूचित किया गया है कि किसी भी तीसरे पक्ष के सॉफ्टवेयर स्रोतों को स्थापित न करें, क्योंकि Kali Linux हमेशा Debian Testing के आधार पर अपने नए रिलीज को लॉन्च करता है, और यदि आप किसी नए स्रोत को स्थापित करते हैं तो यह आपके सिस्टम को टूट भी सकता है।
काली लिनक्स को शुरुआती स्तर के उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है क्योंकि इसका मुख्य उद्देश्य नेटवर्क सुरक्षा और पेनेट्रेशन टेस्टिंग है।
निम्नलिखित कुछ कारण हैं कि काली लिनक्स नवागंतुकों के लिए अनुचित हो सकता है:
- उच्च तकनीकी स्तर: काली लिनक्स का इस्तेमाल करने के लिए आपको उच्च स्तरीय तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता होती है। यहाँ तक कि डिफ़ॉल्ट इन्स्टॉलेशन में भी आपको विभिन्न संगठनात्मक और टेक्निकल जानकारी की आवश्यकता होती है ताकि आप इसे सही ढंग से प्रयोग कर सकें।
- उद्योग के अनुसार: काली लिनक्स अक्सर नेटवर्क सुरक्षा और एथिकल हैकिंग के उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। यह किसी भी व्यक्ति के लिए नहीं है जो बस एक आम उपयोगकर्ता है और अपने दैनिक उपयोग के लिए एक स्थिर और सुरक्षित ऑपरेटिंग सिस्टम चाहता है।
- सेटअप में जटिलता: काली लिनक्स का सेटअप और उपयोग आम उपयोगकर्ताओं के लिए जटिल हो सकता है। इसमें विभिन्न संगठनात्मक टूल्स, कमांड लाइन विकल्प, और अन्य उपकरण होते हैं जो नए उपयोगकर्ताओं के लिए अजनबी हो सकते हैं।
- सुरक्षा संबंधी चिंताएं: काली लिनक्स का उपयोग करते समय, आपको सुरक्षा संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखना चाहिए। इसका इस्तेमाल गलत उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है, जो नवागंतुकों को फिर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
काली लिनक्स का इस्तेमाल करने से पहले, नए उपयोगकर्ताओं को लिनक्स के आधारिक अवधारणाओं, टर्मिनल कमांड्स, और नेटवर्किंग के मूल अवधारणाओं को समझने की सलाह दी जाती है।
Kali Linux के निम्नलिखित लाभ हैं:
- पेनेट्रेशन टेस्टिंग उपकरण: Kali Linux में एक बड़ी संख्या में पेनेट्रेशन टेस्टिंग उपकरण पूर्वापार्जित होते हैं, जो विभिन्न सुरक्षा परीक्षण कार्यों को समर्थित करने में मदद करते हैं।
- निःशुल्क: Kali Linux मुफ्त उपलब्ध है और इसका उपयोग कोई भी व्यक्ति बिना किसी पैसे के कर सकता है।
- ओपन सोर्स्ड: Kali Linux पूरी तरह से ओपन सोर्स्ड है, जिससे उपयोगकर्ता इसे संशोधित करने और अनुकूलित करने में सक्षम हैं।
- फाइल-सिस्टम हायरार्की स्टैंडर्ड (FHS) समर्थन: Kali Linux FHS का समर्थन करता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को उनके द्वारा चाहिए गए फ़ाइल्स, प्रोग्राम और पुस्तकालयों तक पहुँच मिलती है।
- वायरलेस समर्थन: Kali Linux में वायरलेस नेटवर्किंग के लिए उत्कृष्ट समर्थन होता है, जो यूजर्स को वायरलेस नेटवर्क के साथ संयोजन करने में मदद करता है।
- हार्डवेयर संगतता: Kali Linux एक विशिष्ट और विशेषज्ञ ऑपरेटिंग सिस्टम है जो विभिन्न हार्डवेयर को समर्थित करता है, जो उपयोगकर्ताओं को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार संगत डिवाइस का चयन करने में मदद करता है।
- भाषा समर्थन: Kali Linux कई भाषाओं में उपलब्ध है, जो उपयोगकर्ताओं को उनकी भाषा में सिस्टम का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है।
- ARM समर्थन: Kali Linux ARM आर्किटेक्चर के लिए समर्थन प्रदान करता है, जिससे उपयोगकर्ता Raspberry Pi और BeagleBone Black जैसे विभिन्न सिंगल-बोर्ड सिस्टम्स पर इसका उपयोग कर सकते हैं।
क्या आपको Kali Linux इस्तेमाल करना चाहिए?
- काली लिनक्स को मुख्यत: नेटवर्क सुरक्षा और पेनेट्रेशन टेस्टिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसलिए यह विशेष रूप से सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स और एथिकल हैकर्स के लिए है। अगर आपका उद्देश्य है नेटवर्क सुरक्षा और व्हाइट हैट हैकिंग के क्षेत्र में काम करना, तो यह आपके लिए उपयुक्त हो सकता है।
लेकिन, इसे एक प्राथमिक सिस्टम के रूप में इस्तेमाल करना बहुत ही अत्याधिक रिस्की हो सकता है। आपको अपने सभी व्यक्तिगत फ़ाइलों, पासवर्ड, और डेटा को अलग से सुरक्षित रखना चाहिए। साथ ही, आपको अपने दैनिक उपयोग के सॉफ्टवेयर को भी इंस्टॉल करना होगा।
यह ध्यान देने योग्य है कि काली लिनक्स का उपयोग बहुत ही सावधानी से किया जाना चाहिए। यदि आपका सिस्टम हैक हो जाता है, तो आपको अपने सभी डेटा को खोने का खतरा है। आपकी निजी जानकारी का इस्तेमाल किया जा सकता है और आप एक बड़े समूह के सामने प्रकट भी हो सकते हैं।
कुछ पेशेवर सुरक्षा व्हाइट हैकर्स भी सलाह देते हैं कि आपको काली लिनक्स को एक प्राथमिक सिस्टम के रूप में नहीं इस्तेमाल करना चाहिए। आप इसे एक USB ड्राइव के माध्यम से पेनेट्रेशन टेस्टिंग काम के लिए उपयोग कर सकते हैं। इससे आपके डेटा के नुकसान के खतरे कम हो जाते हैं।
अगर आप सचमुच काली लिनक्स का उपयोग करना चाहते हैं, तो आपको इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। आपको सबसे पहले इसे सीखने की आवश्यकता होगी, जिसके लिए आप कोर्स और वीडियो का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही, आने वाली समस्याओं से दूर रहने की कला को भी सीखना चाहिए।