ITI क्या होता है?

 क्या आपने पहले कभी ITI के बारे में सुना है? लोग अक्सर ITI और IIT को एक-दूसरे से उलझा देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इन दोनों शब्दों में केवल ‘I’ का स्थान अलग है। हालांकि, दोनों में काफी बड़ा अंतर है।

माना कि दोनों ही Technology Field से संबंधित हैं। लेकिन जहाँ IIT एक प्रमुख प्रौद्योगिकी संस्थान है जो कि B.Tech, M.Tech और PhD जैसे शोध-अभियान्त्रिकी पर ध्यान केंद्रित करता है, वहीं ITI एक प्रशिक्षण संस्थान है जहां सिद्धांतिक विषयों के बजाय व्यावहारिक परीक्षण पर अधिक ध्यान दिया जाता है। वहीं, इसमें इंजीनियरिंग और गैर-इंजीनियरिंग तकनीकी क्षेत्रों के प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

इसलिए, आज मैंने सोचा कि क्यों न आपको आईटीआई कोर्स के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की जाए, ताकि आपके सभी सवालों के उत्तर इस लेख में ही प्राप्त हो सकें। तो फिर बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।

ITI की परिभाषा क्या है – What is ITI in Hindi

आईटीआई एक प्रकार का औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान होता है। इन्हें आईटीआईज़ कहा जाता है। यह तकनीकी क्षेत्रों में इंजीनियरिंग और गैर-इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करता है।

ITI एक प्रकार का पोस्ट-सेकेंडरी स्कूल होता है जो भारत में Directorate General of Employment of Training (DGET) के अधीन बनाया गया है, जो Ministry of Labour & Employment Union Government of India (भारत सरकार) का एक हिस्सा है।

यहाँ इन प्रशिक्षण संस्थानों में कई विषयों की ट्रेड्स (विषय) जैसे की इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, कंप्यूटर हार्डवेयर, रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनिंग, कारपेंट्री, प्लंबिंग, वेल्डिंग, फिटर आदि में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इन संस्थानों को विशेष रूप से स्थापित किया गया था ताकि विद्यार्थियों को तकनीकी ज्ञान प्राप्त कराया जा सके जो 10वीं कक्षा पास कर चुके हैं।

 यहाँ ऐसे छात्र जो कुछ तकनीकी ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं न की उच्च अध्ययन करना चाहते हैं के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाता है। आप इसे इंडस्ट्री-रेडी बनाने के लिए भी कह सकते हैं।

आईटीआई का पूरा नाम क्या होता है?

ITI का पूरा नाम है औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान

इसका उद्देश्य क्या होता है?

 ITI का मुख्य उद्देश्य है कि छात्रों को तकनीकी रूप से समर्थ बनाया जाए, ताकि उन्हें उद्योग क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त किया जा सके। ITI में प्रदान किए जाने वाले पाठ्यक्रमों को कैसे डिज़ाइन किया जाता है? ITI’s में प्रदान किए जाने वाले पाठ्यक्रमों को ऐसे डिज़ाइन किया जाता है ताकि छात्रों को उचित कौशल सिखाए जा सके। एक बार पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद, छात्रों को अपने ट्रेड के हिसाब से एक प्रैक्टिकल प्रशिक्षण के लिए जाना होता है, वह भी किसी एक उद्योग में। इस प्रशिक्षण की अवधि क्या होती है? इस प्रशिक्षण की अवधि लगभग एक से दो वर्ष तक होती है। यह प्रैक्टिकल प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसे पूरा करने के बाद ही आप राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (NVCT) प्रमाणपत्र के लिए परीक्षा में उपस्थित हो सकते हैं। ITI’s कितनी प्रकार की संस्थाएं चलाते हैं? वैसे तो ITI’s को दोनों सरकारी और निजी संस्थान चलाते हैं। लेकिन सरकारी आईटीआई की अधिक मांग होती है और ये प्राय: सभी राज्यों में स्थित हैं, जैसे कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, असम, केरल, मध्य प्रदेश इत्यादि।


आईटीआई में दो प्रकार की ट्रेड होती हैं।

  1. इंजीनियरिंग ट्रेड्स
  2. नॉनइंजीनियरिंग ट्रेड्स
  • पहली इंजीनियरिंग ट्रेड्स होती हैं जो पूरी तरह से तकनीकी होती हैं। इनमें छात्रों को गणित, विज्ञान और अन्य तकनीकी विषयों पर शिक्षा प्रदान की जाती है।
  • दूसरी नॉन-इंजीनियरिंग ट्रेड्स होती हैं जिनमें तकनीकी विषयों के अलावा विज्ञान या तकनीकी से कम संबंधित विषयों पर शिक्षा दी जाती है।

आईटीआई में करीब 100 से अधिक ट्रेड्स होती हैं, जिनमें से आप अपने पसंद के अनुसार कोई भी चुन सकते हैं।


ITI में प्रवेश पाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पात्रता मानदंड होते हैं।

यहाँ इसे समझाया गया है कि कैसे आप ITI में प्रवेश पा सकते हैं और क्या हैं इसके पात्रता मानदंड।

  1. पहला मानदंड यह है कि आवेदक को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं कक्षा पास होना चाहिए या फिर कोई ऐसा परीक्षा जो 10वीं कक्षा के समान मान्यता प्राप्त हो।
  2. दूसरा मानदंड है कि आवेदक को कम से कम 35% अंकों की एकत्रित श्रेणी प्राप्त करना आवश्यक है।
  3. तीसरा मानदंड है कि आवेदक की आयु 14 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए प्रवेश के समय।

ITI में प्रवेश पाने के लिए सही तरीका क्या है?

यह सवाल अक्सर छात्रों के मन में रहता है। इसका उत्तर बिलकुल मुश्किल नहीं है यदि आपको सही दिशा में मार्गदर्शन मिले।

स्टेप 1: सबसे पहले, आपको अपनी पसंद के अनुसार ITI ट्रेड का चयन करना होगा। आपको उस क्षेत्र में प्रवेश लेना चाहिए जिसमें आपका रुचि है।

स्टेप 2: ITI प्रवेश परीक्षा देना होगा और उसमें अच्छे अंक प्राप्त करने होंगे।

स्टेप 3: परीक्षा के बाद, आपको साक्षात्कार में भी सफलता प्राप्त करनी होगी।

सबसे पहले, आपको यह निर्धारित करना होगा कि आपको किस ट्रेड में ITI करना है। इसके बाद, आपको उस क्षेत्र की तैयारी शुरू करनी चाहिए। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों तरह की किताबें उपलब्ध हैं जिन्हें आप पढ़ सकते हैं।

फिर, आपको ध्यान देना होगा कि हर साल जुलाई/अगस्त महीने में ऑनलाइन आवेदन पत्र उपलब्ध होते हैं। आवेदन करने के बाद, आपको ITI के लिए एक प्रवेश परीक्षा देनी होगी।

क्योंकि बहुत से छात्र इस परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं, इसलिए आपको अन्य छात्रों से बेहतर परिणाम प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके बाद, मेरिट सूची/कट-ऑफ के आधार पर आपको कॉलेज मिलेगा ।

ध्यान देने योग्य बात यह है कि ITI प्रवेश परीक्षा में सफल होने के बाद आपको दो प्रकार के कॉलेज मिलेंगे, एक हैं निजी कॉलेज और दूसरा सरकारी कॉलेज। आपके स्थान के आधार पर आपको कॉलेज में प्रवेश मिलेगा।

ITI की पाठ्यक्रम अवधि अलग-अलग कोर्सों के आधार पर विभिन्न होती है। यह 6 महीने से लेकर 2 साल तक की हो सकती है।

ITI की पढ़ाई पूरी करने के बाद आपके पास कई विकल्प होते हैं जैसे सरकारी नौकरी, निजी नौकरी, अप्रेंटिसशिप, या उच्च अध्ययन। आपके विशेषज्ञता और रुचि के अनुसार आप तकनीकी और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में काम कर सकते हैं।

सैलरी की बात करें तो इसमें कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे काम की प्रकृति, अनुभव, कंपनी का स्थान आदि। सरकारी नौकरियों में और प्राइवेट नौकरियों में वेतन में अंतर होता है।

सामान्य रूप से, ITI पढ़े बिना शुरू में आपको ₹10,000 से ₹15,000 के बीच की सैलरी मिल सकती है, लेकिन यह रकम अनुभव, प्रशिक्षण और क्षेत्र के आधार पर बढ़ सकती है।

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