साइबर अटैक एक डिजिटल या इंटरनेट नेटवर्क के माध्यम से किए गए अवैध और हानिकारक कार्रवाई को संदर्भित करता है। ये हमें दिग्गजारों, आत्मघाती हमलों, या गुप्त सूचना की चोरी और भंडाफोड़ के रूप में देखने को मिलते हैं। ये आपत्तिजनक सॉफ्टवेयर, वायरस, फिशिंग इमेल, और अन्य तकनीकी पद्धतियों का उपयोग करके किया जा सकता है। साइबर अटैक साइबर सुरक्षा को लेकर बड़ी चुनौतियों का सामना कराता है और आधुनिक डिजिटल युग में एक महत्वपूर्ण विषय है।
साइबर अटैक का उदाहरण क्या है?
साइबर अटैकों के कई प्रकार के उदाहरण हैं। ये उदाहरण आपको इस बारे में अधिक जानकारी देने में मदद कर सकते हैं:
- रैंसमवेयर (Ransomware): यह एक प्रकार का मैलवेयर है जो उपयोगकर्ताओं के कंप्यूटर या सिस्टम को अवरुद्ध करता है और फिर उनसे एक राशि मांगता है ताकि सिस्टम को फिर से सक्रिय किया जा सके। यदि राशि नहीं दी जाती है, तो उन्हें अपने डेटा या सिस्टम की पहुँच नहीं मिलती है।
- फिशिंग (Phishing): यह आमतौर पर एक धोखाधड़ी संदेश होता है, जैसे कि एक ईमेल, जो व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी की मांग करता है। उदाहरण के लिए, आपको एक आपके बैंक खाते के लिए लिंक प्रदान किया जा सकता है और जब आप उस पर क्लिक करते हैं, तो आपकी खाता जानकारी हैकर्स के पास पहुंचती है।
- डेनियल ऑफ सर्विस (Denial of Service): इसमें सिस्टम या सर्वर के लिए अधिक डेटा अनुरोध किया जाता है, ताकि वह सेवा के लिए अनुपलब्ध हो जाती है। यह आमतौर पर दोस्तीया, एक्सीजी वीडोज़ और डेडड्रोप के रूप में नामांकित होता है।
- ब्रूट फोर्स (Brute Force): इसमें हैकर्स लॉगिन पृष्ठों और अन्य वेब सेवाओं के लिए पासवर्ड क्रैक करने के लिए सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं। इससे वे अनाधिकृत रूप से उपयोगकर्ताओं के खातों में प्रवेश कर सकते हैं।
- टारगेटेड मैलवेयर: यह एक विशिष्ट व्यक्ति या संगठन को लक्ष्य बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया होता है। उदाहरण के लिए, एक कंपनी के CEO को एक मैलवेयर भेजा जा सकता है जो उनके कंप्यूटर को हैक कर सकता है।
हमने जिन 4 प्रकार के साइबर अटैक पर गौर किया है वे कौन से हैं?
आपने उचित रूप से साइबर अटैक के चार प्रमुख प्रकारों का जिक्र किया है। ये हैं:
- रैंसमवेयर (Ransomware): यह एक प्रकार का मैलवेयर है जो उपयोगकर्ताओं के कंप्यूटर या सिस्टम को अवरुद्ध करता है और फिर उनसे एक राशि मांगता है ताकि सिस्टम को फिर से सक्रिय किया जा सके।
- फिशिंग (Phishing): यह आमतौर पर एक धोखाधड़ी संदेश होता है, जैसे कि एक ईमेल, जो व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी की मांग करता है।
- डेनियल ऑफ सर्विस (Denial of Service): इसमें सिस्टम या सर्वर के लिए अधिक डेटा अनुरोध किया जाता है, ताकि वह सेवा के लिए अनुपलब्ध हो जाती है।
- ब्रूट फोर्स (Brute Force): इसमें हैकर्स लॉगिन पृष्ठों और अन्य वेब सेवाओं के लिए पासवर्ड क्रैक करने के लिए सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं।
ये चारों ही बहुत प्रभावी तकनीक हैं और साइबर अटैकर्स द्वारा अक्सर प्रयोग की जाती हैं।
साइबर सिक्योरिटी के 7 टाइप्स क्या हैं?
साइबर सिक्योरिटी के सात प्रमुख टाइप्स निम्नलिखित होते हैं:
- नेटवर्क सिक्योरिटी (Network Security): नेटवर्क सिक्योरिटी नेटवर्क के विभिन्न तत्वों को सुरक्षित रखने का अध्ययन करती है, जिसमें नेटवर्क के अवाक, राउटर, फ़ायरवॉल्स, और अन्य उपकरण शामिल होते हैं।
- डेटा सिक्योरिटी (Data Security): डेटा सिक्योरिटी डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा को संरक्षित रखने के लिए उपायों का अध्ययन करती है। इसमें डेटा एन्क्रिप्शन, एक्सेस कंट्रोल, और अन्य तकनीकियाँ शामिल होती हैं।
- आईडेंटिटी मैनेजमेंट (Identity Management): इसमें उपयोगकर्ता की पहचान और प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को संरक्षित करने के लिए तकनीकियों का अध्ययन किया जाता है।
- आवास सिक्योरिटी (Endpoint Security): यह सुनिश्चित करता है कि विभिन्न डिवाइसेज़ और उपकरणों (जैसे कि कंप्यूटर, मोबाइल फोन, और टैबलेट) को सुरक्षित रखा जाता है और अवाक से संरक्षित रहता है।
- अनुरक्षण सिक्योरिटी (Application Security): इसमें सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशन्स की सुरक्षा को संरक्षित रखने के लिए तकनीकी उपायों का अध्ययन किया जाता है।
- विज्ञानिक सिक्योरिटी (Operational Security): यह संगठन की सामग्री, संसाधनों, और कार्यवाही को सुरक्षित रखने के लिए नीतियों, प्रक्रियाओं, और कार्यविधियों का अध्ययन करती है।
- स्थायी सिक्योरिटी (Physical Security): यह इमारतों, सुरक्षित क्षेत्रों, और सामग्री की सुरक्षा को संरक्षित रखने के लिए उपायों का अध्ययन करती है।