कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया ?

कंप्यूटर का आविष्कार एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना थी जो मानवता के साथ तकनीकी युग का आरम्भ कर दिया। इसकी शुरुआत चार्ल्स बैबेज जैसे वैज्ञानिक के द्वारा की गई जिन्होंने गणितीय और यांत्रिक कौशल का अद्वितीय संगम धराया। उन्होंने विभिन्न मेकेनिकल और गणितीय तत्वों का उपयोग करके एक यांत्रिक उपकरण विकसित किया जो डेटा को प्रोसेस करने में सक्षम था।

यह अद्वितीय उपकरण न केवल गणितीय कार्यों को सरल बनाया, बल्कि अब इसने मानव समाज के हर क्षेत्र में भूमिका निभाना शुरू किया। कंप्यूटर ने समय, श्रम, और उत्कृष्टता की दृष्टि से भी एक नई क्रांति का संकेत दिया। इसके बाद, उच्चतम संग्रहीत और संगठित जानकारी का साझा करना और प्रोसेस करना और उपयोग करना संभव हुआ।

बैबेज के काम के बाद, कई अन्य वैज्ञानिकों, अभियंताओं, और विज्ञान जागरूक लोगों ने भी उसकी विद्वत्ता को आगे बढ़ाया। उन्होंने नए-नए प्रौद्योगिकियों को लागू करके कंप्यूटर को और भी उन्नत और प्रभावी बनाया। यही कारण है कि कंप्यूटर आज का दिन एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है हर क्षेत्र में, चाहे वह विज्ञान, व्यावसायिकता, मनोरंजन, या अन्य किसी भी क्षेत्र का हो।

कंप्यूटर के आविष्कार ने हमारी जीवनशैली को स्थिरता और सुगमता प्रदान की है। यह मानवता के समय और श्रम को कम करने में मदद करता है, और विभिन्न क्षेत्रों में अधिक उत्कृष्टता और उत्कृष्टता लाता है। कंप्यूटर और उसकी प्रौद्योगिकियों का समृद्ध इतिहास हमें इसकी महत्ता को समझाता है और हमें इसके लाभ का आनंद लेने के लिए प्रेरित करता है।

कंप्यूटर की खोज और उसका विकास एक रोचक और महत्वपूर्ण विषय है।

 इसका आरंभ बहुत पहले ही हुआ था, और यह आधुनिक दुनिया के तथ्य और संचार की एक महत्वपूर्ण चीज है।

कंप्यूटर की खोज की शुरुआत में, लोगों ने गणना और हिसाब लगाने के लिए उपकरण तैयार किए थे, जैसे कि गणनात्मक यंत्र। इन यंत्रों का उपयोग संख्याओं को गिनने और गणना करने के लिए किया जाता था।

कंप्यूटर की वास्तविक खोज की गई जगह पर, बहुत सारे वैज्ञानिक, अध्यात्मिक और गणितज्ञों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अद्वितीय यंत्रों का अध्ययन किया और विकसित किया। इस प्रकार की उपकरणों का विकास विभिन्न अवस्थाओं में हुआ, जो उन्हें धीरे-धीरे उन्नत और परिपूर्ण बनाया।

19 वीं शताब्दी में, चार्ल्स बैबेज ने एक यंत्र विकसित किया जिसे वे “Analytical Engine” कहते थे। इस यंत्र में पंचम कोर और अन्य यंत्रों का उपयोग किया गया था, जिससे कंप्यूटर की प्राथमिक रूप से तार्किक क्षमता विकसित हुई।

इसके बाद, 20 वीं शताब्दी के दौरान, कंप्यूटर की खोज और विकास में तेजी से वृद्धि हुई। विभिन्न वैज्ञानिकों और अभ्यासकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अनुसंधान किया और नई तकनीकी उपकरणों का विकास किया।

आज, कंप्यूटर एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है और हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। यह हर क्षेत्र में हमारे लिए आवश्यक है, चाहे वह व्यवसाय, शिक्षा, संचार, विज्ञान या किसी अन्य क्षेत्र में हो।

उन्होंने पहले मैकेनिकल कंप्यूटर का डिजाइन बनाया था, जिसे “Analytical Engine” कहा जाता है, और यह “Difference Engine” का उत्तराधिकारी था, जो स्वचालित मैकेनिकल कैलकुलेटर था। आजकल के मॉडर्न कंप्यूटर का मूल ढांचा माना जाता है। इन्हें “पीढ़ियों” में वर्गीकृत किया गया और प्रत्येक पीढ़ी अपने पूर्वज पीढ़ी से अधिक सुधारित और संशोधित संस्करण था।

सन् 1822 में, ब्रिटिश गणितज्ञ और आविष्कारक चार्ल्स बैबेज (1791-1871) ने पहला भाप पर चलने वाला स्वचालित मैकेनिकल कैलकुलेटर बनाया, जिसे “Difference Engine” या “Differential Engine” कहा गया। यह एक साधारण कैलकुलेटर से अधिक था। यह कई सेट्स के नंबर को एक साथ कंप्यूट करने में सक्षम था और अंत में उत्तर को हार्ड कॉपियों में प्रदान करता था।

एडा लोवलेस ने भी चार्ल्स बैबेज की सहायता की और इस “Difference Engine” का विकास किया। यह बहुपदी समीकरणों को कंप्यूट कर सकता था और गणितीय पंजीकृतों को स्वचालित रूप से प्रिंट करने में सक्षम था।

इसके बाद, सन् 1837 में, चार्ल्स बैबेज ने पहला सामान्य मैकेनिकल कंप्यूटर का वर्णन किया, जो “Analytical Engine” के रूप में आगे बढ़ गया और जिसमें इंटीग्रेटेड मेमोरी और पंच कार्ड का उपयोग किया जाने वाला था।

सन् 1991 में, हेनरी बैबेज, जो कि चार्ल्स बैबेज के सबसे छोटे बेटे थे, ने इस मशीन के एक हिस्से को पूरा किया, जो कि प्राय: सभी मूल गणनाओं को करने में सक्षम था।

पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया था और कब?

पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का आविष्कार जॉन प्रेसपर एण्ड जॉन टोम्प्सन द्वारा 1943 में किया गया था। यह इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर “Colossus” नामक था और इसका उपयोग ब्रिटिश माइनिंग इंटेलिजेंस सर्विस (British Mining Intelligence Service) द्वारा नाजी जर्मनी के क्रिप्टोग्राफिक कोड को तोड़ने के लिए किया गया था। Colossus इलेक्ट्रॉन ट्यूब्स का उपयोग करता था और यह दुनिया का पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर माना जाता है।

उसकी डिजाइन और निर्माण का पूरा व्यय संयुक्त राज्य सैन्य द्वारा किया गया था। यह लगभग 1800 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ था, 200 किलोवाट विद्युत शक्ति का उपयोग करता था, इसमें लगभग 70,000 रेजिस्टर, 10,000 कैपेसिटर, और 18,000 वैक्यूम ट्यूब्स का इस्तेमाल किया गया था, और इसका वजन लगभग 50 टन था। कई लोगों का मानना है कि एबीसी कंप्यूटर वह पहला डिजिटल कंप्यूटर था, लेकिन बहुत से लोग इनियाक को ही पहला डिजिटल कंप्यूटर मानते हैं। यह इसलिए क्योंकि यह वह पहला ऑपरेशनल इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर था। इसका उपयोग मौसम पूर्वानुमान, परमाणु-ऊर्जा की गणना, तापीय उद्धारण, और अन्य वैज्ञानिक उपयोगों में किया जाता था।

पहला प्रोग्रामयुक्त कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया था और कहाँ?

कोन्राड जुसे की यह प्रथम प्रोग्राम योग्य कंप्यूटर, जिसे जेड 1 के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में एक नया युग शुरू करने वाला हुआ। यह मैकेनिकल कंप्यूटर, जो बाइनरी तंत्र में चलता था, एक प्रोग्राम के द्वारा सम्पादित किया जा सकता था, जिससे इसे पहला स्वतंत्रता योग्य कंप्यूटर बनाता है।

जेड 1 का विकास दुनिया के टेक्नोलॉजी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम था, क्योंकि इसने प्रोग्राम योग्य कंप्यूटरों के उपयोग की नींव रखी। इसका इस्तेमाल पंच किये गए पंच कार्ड के माध्यम से किया जाता था, जिससे इसे विभिन्न कार्यों को प्रोग्राम करने की क्षमता प्राप्त होती थी। इसका उपयोग सांख्यिकी, गणितीय परिकलन, और अन्य वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता था।

जेड 1 ने इतिहास में एक नया युग खोला, जिसमें कंप्यूटर तकनीक के विकास में तेजी से प्रगति हुई और नई संभावनाओं का आरंभ हुआ। इसका विकास न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह भी एक प्रौद्योगिकी की प्रेरणा बन गया जिसने आगे चलकर संगठनों, शिक्षा, और अन्य क्षेत्रों में बहुत से उपयोगी तकनीकी समाधानों की अवधारणा की।

किसने पहला वाणिज्यिक कंप्यूटर का आविष्कार किया था ?

यूनिवैक I (UNIVAC I) को 1951 में आरंभ किया गया था और यह कमर्शियल कंप्यूटिंग की दुनिया में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया। यह पहला कमर्शियल कंप्यूटर था जो संख्यात्मक और वर्णात्मक डेटा को प्रोसेस करने में समर्थ था। इसके डिज़ाइन को जे. प्रेस्पर एकर्ट और जॉन मॉकली ने किया था, जो इनिएक (ENIAC) के डिज़ाइनर भी थे।

यह कंप्यूटर वैक्यूम ट्यूब्स का उपयोग करता था, जो उस समय सर्वोत्तम तकनीक मानी जाती थी। इसकी क्षमता लगभग 1000 गतिशीलित कार्यों को प्रतिस्पर्धी तरीके से संचालित करने में थी, जो उस समय के लिए बड़ी बात थी।

इसके अलावा, UNIVAC I के डिज़ाइन और निर्माण के लिए संयुक्त राष्ट्र सेना ने पूरी राशि का खर्च किया था, जिससे यह कंप्यूटर उनके विशेष उद्देश्यों को पूरा करने में मदद कर सकता था। इसका आकार लगभग 1800 वर्ग फुट था, जिसमें 200 किलोवॉट की इलेक्ट्रिक पावर की आवश्यकता थी।

समय के साथ, यूनिवैक I ने अनेक क्षेत्रों में उपयोग किया जाना था, जैसे हवाई यात्रा के अनुमान, परमाणु ऊर्जा की गणना, थर्मल उत्तेजन और अन्य वैज्ञानिक उपयोग। इसका प्रयोग केवल सेना द्वारा ही नहीं किया गया, बल्कि यह और भी विभिन्न संगठनों और उद्योगों में उपयोग के लिए प्रस्तुत था।

पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर किसने आविष्कार किया था और कब?

सन 1937 में, डॉ. जॉन वी. अटानासोफ और क्लिफर्ड बेरी ने दुनिया का पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर का आविष्कार किया था। उन्होंने इसे ‘अटानासोफ-बेरी कंप्यूटर’ (ABC) का नाम दिया था।

कब पहला व्यक्तिगत कंप्यूटर का आविष्कार हुआ था?

सबसे पहला व्यक्तिगत कंप्यूटर को सन 1975 में प्रस्तुत किया गया था। एड रॉबर्ट ने 3 नवंबर 1962 को Altair 8800 को प्रस्तुत किया जब यह ‘पर्सनल कंप्यूटर’ और ‘पीसी’ के रूप में पहली बार प्रकट हुआ।

कंपनी के नाम के अनुसार पहले कंप्यूटर के नाम

कॉमोडोर: सन 1977 में, कॉमोडोर ने अपना पहला कंप्यूटर प्रस्तुत किया, जिसका नाम ‘कॉमोडोर पीईटी’ था।

कॉमपैक: 1983 मार्च में, कॉमपैक ने अपना पहला कंप्यूटर प्रस्तुत किया, जो 100% IBM संगत कंप्यूटर था, इसका नाम ‘कॉमपैक पोर्टेबल’ था।

डेल: 1985 में, डेल ने अपना पहला कंप्यूटर प्रस्तुत किया, जिसका नाम ‘टर्बो पीसी’ था।

ह्यूलेट पैकर्ड: 1966 में, ह्यूलेट पैकर्ड ने अपना पहला सामान्य कंप्यूटर प्रस्तुत किया, जिसका नाम ‘एचपी-2115’ था।

एनईसी: 1958 में, एनईसी ने अपना पहला कंप्यूटर निर्मित किया, जिसका नाम ‘एनीएसी 1101’ था।

टोशिबा: 1954 में, टोशिबा ने अपना पहला कंप्यूटर प्रस्तुत किया, जिसका नाम ‘टीएसी’ डिजिटल कंप्यूटर था।

पहला मैकेनिकल कंप्यूटर कब और किसने आविष्कार किया?

सन 1822 में, चार्ल्स बैबेज ने दुनिया का पहला मैकेनिकल कंप्यूटर का आविष्कार किया, जिसे “डिफरेंशिअल इंजन” कहा गया। इसके बावजूद कि यह अब जैसा कंप्यूटर नहीं था, यह एक महत्वपूर्ण कदम था जो आगे चलकर कंप्यूटर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।

कंप्यूटर के आविष्कार कब और किसने किया?

सीधे तौर पर कहें तो, कंप्यूटर का आविष्कार प्रसिद्ध मैकेनिकल इंजीनियर चार्ल्स बैबेज द्वारा किया गया था। 1822 में उन्होंने ‘डिफरेंशिअल इंजन’ नामक मैकेनिकल कंप्यूटर का आविष्कार किया था। लेकिन वित्तीय समस्याओं के कारण, यह पूरा नहीं हो सका।

पहला पर्सनल डेस्कटॉप कंप्यूटर किसने आविष्कार किया?

इतिहास में, पहला पर्सनल डेस्कटॉप कंप्यूटर को Italian Company Olivetti ने 1964 में बनाया था। इसकी कीमत $3,200 थी, जो आज के समय में लगभग 2 लाख रुपये के बराबर है। सन 1985 में, Atari Corporation ने 520ST कंप्यूटर का विकास किया, जो एक 32 बिट के विविध रंगों में आने वाला कंप्यूटर था।

इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया?

इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का आविष्कार जॉन विन्सेंट अटानासोफ द्वारा किया गया था।

लैपटॉप का आविष्कार किसने किया?

लैपटॉप का आविष्कार आदम ऑसबोर्न ने 1981 में किया था।

“पहला लैपटॉप ‘ओस्बोर्न 1’ के नाम से जाना जाता था, जिसे इसके आविष्कारक के नाम पर रखा गया था। उस समय इसकी कीमत लगभग $1500 थी। इसमें बहुत से प्रोग्राम पहले ही इंस्टॉल किए गए थे और उसके साथ एक छोटी सी कंप्यूटर स्क्रीन भी थी। इसे ‘ओसबोर्न कंप्यूटर्स’ ने आविष्कार किया था। यह पहला पोर्टेबल कंप्यूटर बहुत बड़ी सफलता थी, जहाँ कंपनी की बिक्री प्रतिमाह करीब 10,000 थी। उस समय के हिसाब से यह बहुत अधिक था।

अन्य कंपनियों के लैपटॉप

इसके बाद अन्य कंपनियों ने इस आविष्कार को ध्यान में रखा और कई नए लैपटॉप्स को लॉन्च किया, जिनमें कई नई विशेषताएं थीं।

आईबीएम ने 1984 में आईबीएम5155 पोर्टेबल पर्सनल कंप्यूटर को लॉन्च किया।

उसी तरह, 1988 में, कॉम्पैक कंप्यूटर ने अपना पहला लैपटॉप पीसी लॉन्च किया, जिसमें VGA ग्राफिक्स भी थी, जिसका नाम कॉम्पैक एसएलटी/286 था।

एनईसी ने भी अल्ट्रालाइट को रिलीज किया, यह उस समय का पहला लैपटॉप कंप्यूटर था, जिसका वजन 5 पाउंड से भी कम था।

इसके बाद इसे धीरे-धीरे और अधिक उन्नत होते गए।

भारत का पहला कंप्यूटर का नाम”


भारत में पहला कंप्यूटर 1952 में डॉ. द्विजिष दत्ता द्वारा कोलकाता के भारतीय विज्ञान संस्थान में लाया गया था। यह एक एनालॉग कंप्यूटर था। इसके बाद, भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु में भी एक ऐसा कंप्यूटर लगाया गया था। हालांकि, भारत में वास्तविक कंप्यूटर युग 1956 में शुरू हुआ जब कोलकाता के भारतीय विज्ञान संस्थान में डिजिटल कंप्यूटर HEC – 2M लगाया गया। यह भारत का पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था। इस कंप्यूटर के आने के बाद, भारत ने जापान के बाद एशिया में एक ऐसा देश बन गया जो कंप्यूटर तकनीक का इस्तेमाल कर रहा था। फिर, 1958 में “यूरल” नामक एक कंप्यूटर को भारतीय सांख्यिकी संस्थान कोलकाता में लाया गया,जो आकार में HEC – 2M से भी बड़ा था। यह कंप्यूटर रूस से खरीदा गया था और 1964 में इन दोनों कंप्यूटरों का इस्तेमाल बंद कर दिया गया। क्योंकि उस समय आईबीएम ने अपना पहला कंप्यूटर आईबीएम 1401 भारतीय सांख्यिकी संस्थान कोलकाता में लगाया, जो एक डाटा प्रोसेसिंग सिस्टम कंप्यूटर था जिसे आईबीएम ने 1959 में बनाया था।

भारत में कंप्यूटर का उत्थान कब हुआ?

भारत में, अब तक सभी कंप्यूटर विदेशी थे और यहाँ बनाए गए नहीं थे। लेकिन, 1966 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान और जादवपुर विश्वविद्यालय ने मिलकर पहला कंप्यूटर बनाया, जिसका नाम ‘आईएसआईजेययू’ था। इस दौरान भारत में पहला स्वदेशी कंप्यूटर बनाया गया। HEC – 2M और आईएसआईजेययू में एक विशेषता थी – HEC – 2M और यूआरएल दोनों ही वैक्यूम ट्यूब वाले कंप्यूटर थे, जबकि आईएसआईजेययू ट्रांजिस्टर वाला कंप्यूटर था। इसके बाद भारत में कंप्यूटर विकसित करने की प्रक्रिया शुरू हुई।

भारत का पहला सुपर कंप्यूटर कौनसा है और किसने बनाया?

भारत का पहला सुपर कंप्यूटर ‘पैराम 8000’ था। ‘पैराम’ का पूरा नाम ‘पैरालेल मशीन’ है। यह कंप्यूटर 1991 में ‘केंद्रीय उन्नत गणना के लिए विकास केंद्र’ द्वारा विकसित किया गया था। इसके विकास में आर्किटेक्ट विजय पी. भाटकर का बड़ा योगदान था।

PARAM 8000 और PARAM 10000 दो विशेषता के सुपर कंप्यूटर हैं , जो  1991 और 1998 में बनाए गए थे। PARAM 8000 एक गिगाफ्लॉप (10^9 फ्लोटिंग प्वाइंट ऑपरेशन/सेकंड) की क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। यह सभी उपकरण शामिल कीजिए गए थे जो भारत में उपलब्ध थे और उनमें से सभी चिप्स भी घरेलू बाजार से खरीदे गए थे। PARAM सुपरकंप्यूटर कुछ महत्वपूर्ण उपयोगों में शामिल थे, जैसे की लॉन्ग-रेंज मौसम पूर्वानुमान, रिमोट सेंसिंग, ड्रग डिज़ाइन और मोलेक्युलर मॉडलिंग।

भारत में कंप्यूटर का प्रारम्भ:-

1966 में हुआ, जब स्वदेशी ज्ञान कौशल द्वारा “ISIJU” नाम का एक कंप्यूटर प्रस्तावित गया था।

भारत में पहला कंप्यूटर 1956 में लगाया गया था, जो कोलकाता के भारतीय सांख्यिकी संस्थान में स्थापित किया गया था। यह एक बड़ी संख्या को प्रोसेस करने वाली मशीन थी, जिसकी 10 फीट की लंबाई, 7 फीट की चौड़ाई और 6 फीट की ऊँचाई थी। यह कंप्यूटर भारतीय योजना आयोग द्वारा वार्षिक और पाँच वर्षीय योजनाओं का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया और साथ ही भारतीय नाभिकीय परियोजनाओं में भी उपयोग किया गया। यह भारत का पहला पीढ़ी का कंप्यूटर था जो भारत में

Leave a Comment