नेटवर्क क्या है और उसके प्रकार। नेटवर्किंग का मतलब होता है अलग-अलग उपकरणों, जैसे कि कंप्यूटर, स्मार्टफोन, या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, को एक-दूसरे के साथ कनेक्ट करके डेटा और संसाधनों को साझा करने की प्रक्रिया।
नेटवर्किंग के कई प्रकार होते हैं, जैसे:
- LAN (Local Area Network): यह छोटे-छोटे क्षेत्रों में कनेक्टेड उपकरणों के बीच नेटवर्क होता है, जैसे कि एक कंपनी या एक स्कूल।
- WAN (Wide Area Network): यह बड़े क्षेत्रों को कनेक्ट करने के लिए होता है, जैसे कि इंटरनेट।
- WLAN (Wireless Local Area Network): इसमें बिना केबल के डिवाइस कनेक्ट किए जाते हैं, जैसे कि वाई-फाई।
- MAN (Metropolitan Area Network): इसमें शहर के अन्दर अलग-अलग स्थानों को कनेक्ट करने के लिए होता है।
नेटवर्किंग का इतिहास
नेटवर्किंग का इतिहास बहुत पुराना है। अबाकस (Abacus) के दौर से ही लोगों ने जोड़ने-गिनने के लिए उपकरणों का इस्तेमाल किया। लेकिन आधुनिक नेटवर्किंग की शुरुआत 20वीं सदी के आरंभ में हुई, जब वायरलेस टेलीग्राफी और टेलीफोन के माध्यम से लोग दूरस्थ संचार करने लगे। यह तकनीकी विकास ने संचार को आसान और तेज़ बना दिया।
फिर आते हैं कंप्यूटर नेटवर्क के विकास के लिए, जो 1950 के दशक में प्रारंभ हुआ। यहां से हमें साझा डेटा और एक साथ काम करने की क्षमता मिली। आज, नेटवर्किंग हमारे संचार तंत्र का अभिन्न हिस्सा बन गई है और हर क्षेत्र में इसका इस्तेमाल हो रहा है। इससे हमें जल्दी और आसानी से जानकारी को साझा करने का अवसर मिलता है, जिससे हमारा काम और जीवन अधिक सुविधाजनक बनता है।
नेटवर्क क्या है –
हिंदी में नेटवर्क को समझाने के लिए एक आसान तरीका यह है कि नेटवर्क एक प्रकार की डिजिटल जाल है जिसमें विभिन्न कंप्यूटर या डिवाइस एक-दूसरे से जुड़े होते हैं ताकि उन्हें डेटा और संसाधनों का साझा करने में सुविधा हो। यह एक प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक संचार जाल होता है जिसमें कंप्यूटर, सर्वर, मेनफ्रेम, और नेटवर्क डिवाइस जैसे उपकरण शामिल होते हैं। नेटवर्क के माध्यम से डेटा को साझा किया जा सकता है और इंटरनेट जैसे विशाल नेटवर्क में लाखों लोग आपस में जुड़े रहते हैं। नेटवर्किंग डिवाइस जैसे राउटर, हब, स्विच, मोडेम भी इस जाल के हिस्से होते हैं। इस तरह के नेटवर्क में प्रत्येक कंप्यूटर को नोड कहा जाता है और संसाधनों का साझा करने के साथ-साथ इंटरनेट, प्रिंटर, फ़ाइल सर्वर जैसे संसाधनों को भी साझा किया जा सकता है।
नेटवर्क का अर्थ है
एक समूह के उपकरण जो डेटा और संसाधनों को संचारित करने के लिए संगठित होते हैं। ये उपकरण एक-दूसरे के साथ संचार करते हैं, ताकि जानकारी को संचारित किया जा सके।
प्रदर्शन (Performance): नेटवर्क की उत्कृष्टता का माप इसके प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है। प्रदर्शन का माप उन पैरामीटर्स के माध्यम से किया जाता है जैसे की बैंडविड्थ, लेटेंसी (हिटी और रिप्लाय टाइम), और नेटवर्क की उपलब्धता। उच्च प्रदर्शन वाले नेटवर्क सिस्टम बेहतर सेवाएं प्रदान करते हैं।
विश्वसनीयता (Reliability): एक उत्कृष्ट नेटवर्क को संचार के लिए विश्वसनीय होना चाहिए, अर्थात् यह सुनिश्चित करता है कि डेटा सही समय पर सही स्थान पर पहुंचता है और किसी भी दुर्घटना के मामले में नेटवर्क की पुनर्स्थापित क्षमता होनी चाहिए। विश्वसनीयता को मापने के लिए उपकरणों की उपलब्धता, संचार की उपलब्धता, और नेटवर्क की उपलब्धता की मात्रा के संकेत शामिल होते हैं।
सुरक्षा (Security): नेटवर्क की सुरक्षा उसकी महत्वपूर्ण गुणवत्ता में से एक है। सुरक्षित नेटवर्क से उपयोगकर्ताओं के डेटा की सुरक्षा और नेटवर्क की गोपनीयता सुनिश्चित होती है। इसमें डेटा एन्क्रिप्शन, एक्सेस कंट्रोल, और अन्य सुरक्षा के उपाय शामिल होते हैं।
इन क्रियेटीरिया के आधार पर हम नेटवर्क की उत्कृष्टता को माप सकते हैं और उसका अनुमान लगा सकते हैं कि वह कितना समर्थ है और किस श्रेणी में पड़ता है।
बिना नेटवर्किंग की विशेषताओं के, किसी भी नेटवर्क का उपयोग नकारात्मक प्रभावों के साथ हो सकता है। इसलिए, उचित प्रदर्शन, विश्वसनीयता, और सुरक्षा जैसी विशेषताओं को सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
प्रदर्शन (Performance):
प्रेरक कारक (Throughput): यह उन डेटा डेवाइसों की संख्या को दर्शाता है जो एक निर्धारित समय में नेटवर्क से डेटा प्राप्त करते हैं। यह उपयोगकर्ताओं को समय में तत्परता और अनुभव में सुधार करने में मदद करता है।
देरी (Delay): यह वक्त है जो डेटा पैकेट को एक नेटवर्क में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने में लगता है। इसे कम करने के लिए, उचित नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क प्रोटोकॉल चुनना महत्वपूर्ण है।
- विश्वसनीयता (Reliability):
- उपलब्धता (Availability): एक विश्वसनीय नेटवर्क हमेशा उपलब्ध होता है, अर्थात्, उपयोगकर्ता स्थितियों के लिए साधारित सेवाएं प्रदान करता है।
- वापसी क्षमता (Redundancy): अनुपस्थितियों के मामले में नेटवर्क की वापसी क्षमता कितनी तेजी से संस्थापित और सक्रिय की जा सकती है, इसका मूल्यांकन करता है।
- पहचान (Authentication): उपयोगकर्ता और उनकी आज्ञाकारी की पहचान करने के लिए उपयोगकर्ता पहचान की आवश्यकता होती है।
- गोपनीयता (Confidentiality): सुरक्षित डेटा संचार की सुनिश्चित करने के लिए एन्क्रिप्शन और अन्य गोपनीयता के माध्यमों का उपयोग किया जाता है।
- अवरोधन (Integrity): डेटा के अनधिकृत परिवर्तनों से बचाव के लिए, इंटेग्रिटी की जाँच और सुनिश्चित किया जाता है।
इन विशेषताओं के साथ-साथ, नेटवर्क प्रबंधन और सुरक्षा के लिए प्रकृति, नेटवर्क डिजाइन, संचालन, और अनुप्रयोग भी महत्वपूर्ण होते हैं। इन सभी विशेषताओं को संतुलित रूप से संरक्षित और बनाए रखने के लिए, नेटवर्क प्रबंधकों को नवीनतम तकनीकी और प्रशिक्षण की जरूरत होती है।नेटवर्क का इतिहास आगे बढ़ता है, जब ARPANET के सफलता के साथ-साथ अन्य नेटवर्कों की भी शुरुआत हुई। 1980 के दशक में, TCP/IP (Transmission Control Protocol/Internet Protocol) नामक प्रोटोकॉल स्टैक की विकसिति हुई, जो नेटवर्कों के लिए मानक बन गया। इसने नेटवर्क के विभिन्न उपकरणों को जोड़ने की सुविधा प्रदान की, जिससे आजकल हम इंटरनेट के माध्यम से आपसी संचार कर सकते हैं।
इंटरनेट की विकसिति में अन्य कई तकनीकी योगदान हैं, जैसे कि वेब ब्राउज़र, जो 1990 के दशक में उपलब्ध होने लगे। वेब ब्राउज़रों के आगमन से इंटरनेट का उपयोग सामान्य लोगों तक पहुंचा और आज इंटरनेट एक सार्वजनिक संसाधन है जो संसार भर में लोगों को जोड़ता है।
इसके बाद के वर्षों में, नेटवर्कों की गति में वृद्धि हुई और उनका आकार भी बड़ा गया। विभिन्न प्रोटोकॉल और तकनीकों का विकास हुआ, जिससे वे अधिक विशेषकृत और शक्तिशाली बने। आज, नेटवर्क एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। यह हर क्षेत्र में उपयोग किया जाता है, से वित्त, व्यापार, शिक्षा, समाचार, मनोरंजन और अधिक।
नेटवर्क का इतिहास
नेटवर्क का इतिहास निरंतर विकसित होता रहा है, और आगे भी इसकी विकास की समीक्षा की जाएगी, जिससे हम समय के साथ नेटवर्किंग की उन्नति को समझ सकेंगे।
एक-एक करके उपरोक्त उपकरणों को गहराई से समझें:
- कंप्यूटर: कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जिसे डेटा प्रोसेसिंग, संग्रहण, और प्रेषण के लिए उपयोग किया जाता है। कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से एक दूसरे के साथ संचार कर सकते हैं, जिससे डेटा और संसाधनों का साझा किया जा सकता है।
- स्मार्टफोन और टैबलेट: स्मार्टफोन और टैबलेट भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैं जो कंप्यूटिंग, संचार और एंटरटेनमेंट की सुविधा प्रदान करते हैं। ये भी नेटवर्क के माध्यम से इंटरनेट, इमेल, सोशल मीडिया, आदि तक पहुंच सकते हैं।
- स्विच: स्विच नेटवर्क में डेटा पैकेट को विभाजित करने के लिए उपयोग किया जाता है, ताकि प्रत्येक पैकेट केवल उस डेवाइस तक पहुंचे जिसके लिए वह निर्दिष्ट है।
- राउटर: राउटर नेटवर्क के अलग-अलग सेगमेंट को जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है और डेटा पैकेट को एक से दूसरे नेटवर्क तक पहुंचाने के लिए उपयोग किया जाता है।
- मोडेम: मोडेम इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है, जो की एक प्रकार का डिजिटल सिग्नल को एक अनुप्रयोग के लिए अनालोग सिग्नल में परिवर्तित करता है।
- फायरवॉल: फायरवॉल नेटवर्क सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाता है, जो अनुप्रयोगों को इनकमिंग और आउटगोइंग ट्राफिक के आधार पर नियंत्रित करता है।
- नेटवर्क एडाप्टर: नेटवर्क एडाप्टर नेटवर्क कनेक्टिविटी को प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे कि एक ईथरनेट कार्ड या वाई-फाई एडाप्टर।
- ब्रिज: ब्रिज नेटवर्क के बीच डेटा पैकेट की पुनः प्रेषण और अनुवादन के लिए उपयोग किया जाता है।
- रिपीटर: रिपीटर नेटवर्क सिग्नल को बूस्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे सिग्नल का रेंज बढ़ता है।
- गेटवे: गेटवे एक नेटवर्क प्रोटोकॉल से दूसरे नेटवर्क प्रोटोकॉल में डेटा को परिवर्तित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह नेटवर्क के बीच जैसे कि इंटरनेट और इन्ट्रानेट के बीच संचार को संभाल सकता है।
यह उपकरण नेटवर्क के विभिन्न पहलुओं को संभालने और संचालित करने में मदद करते हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को सुगम और सुरक्षित नेटवर्क अनुभव मिलता है।
नेटवर्क के विभिन्न प्रकार हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) – यह नेटवर्क छोटे क्षेत्र में स्थापित होता है, जैसे कि एक ऑफिस, इमारत, या एक स्कूल. LAN का उद्देश्य अपने सदस्यों को एक साथ जोड़ना और संचार का सुगमता प्रदान करना होता है।
- मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क (MAN) – यह नेटवर्क एक शहर या बड़े क्षेत्र को कवर करता है। MAN एक या अधिक LAN को एकत्रित करता है और उन्हें एक ही नेटवर्क के रूप में जोड़ता है।
- वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) – यह नेटवर्क बड़े क्षेत्रों को कवर करता है, जैसे कि राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर। WAN इंटरनेट, वायरलेस संचार, और उपकरणों को एक साथ जोड़ने के लिए उपयोगी होता है।
- कम्यूनिकेशन नेटवर्क (CAN) – यह एक या अधिक LAN को एकत्रित करने के लिए उपयोगी होता है जो एक समान क्षेत्र में स्थित होते हैं, लेकिन इसका आयोजन वाणिज्यिक नहीं होता है।
- परिसीमांत नेटवर्क (PAN) – यह नेटवर्क व्यक्तिगत उपकरणों को जोड़ने के लिए होता है, जैसे कि लैपटॉप, मोबाइल फोन, और अन्य पोर्टेबल उपकरण। PAN (पर्सनल एरिया नेटवर्क )का उद्देश्य छोटे क्षेत्रों में संचार को सुनिश्चित करना है।
- फील्ड एरिया नेटवर्क (FAN) – यह नेटवर्क केबल और संचार उपकरणों को जोड़ने के लिए होता है, जो एक बड़े क्षेत्र में फैला होता है, जैसे कि शहर या एक इमारत का विस्तार।
कंप्यूटर नेटवर्क के उपयोगों को गहराई से समझने के लिए हमें नेटवर्किंग के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को विस्तार से विचार करना चाहिए।
- डेटा साझा करना: नेटवर्क का प्रमुख उपयोग यह है कि यह विभिन्न कंप्यूटरों को एक साथ जोड़कर उन्हें डेटा और फ़ाइलें साझा करने में सक्षम बनाता है। यह सुनिश्चित करता है कि विभिन्न उपयोगकर्ताओं को जरूरी जानकारी के साथ संपर्क में रहें।
- संचार: नेटवर्किंग के माध्यम से, उपयोगकर्ता आसानी से वेबसाइटों, ईमेल, चैट, विडियो कॉल, और अन्य संचार उपकरणों का उपयोग करके दूरस्थ उपयोगकर्ताओं के साथ संपर्क में रह सकते हैं।
- संसाधन साझा करना: नेटवर्क के माध्यम से, उपयोगकर्ता संसाधनों जैसे की प्रिंटर, स्कैनर, ड्राइव, और अन्य कंप्यूटर की हार्डवेयर को साझा कर सकते हैं। यह उपयोगकर्ताओं को संसाधनों की संगतता और सहयोगिता प्रदान करता है।
- डेटा बैकअप और सुरक्षा: नेटवर्क भी डेटा बैकअप और सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करता है। साझा संसाधनों का उपयोग कर बैकअप डेटा को सुरक्षित रखना और उपयोगकर्ताओं को नेटवर्क सुरक्षा सामग्री का उपयोग करने में सक्षम करता है।
कार्यभार: व्यावसायिक उपयोग के लिए, एक कंप्यूटर नेटवर्क उपयोगकर्ताओं को काम करने के लिए अधिक उपकरण, संसाधन, और सामग्री की पहुंच प्रदान करता है। यह कार्यभार को बढ़ाता है और उत्पादकता को बढ़ाता है।
ये केवल कुछ हैं नेटवर्किंग के उपयोगों के उदाहरण हैं, और वास्तव में इसका उपयोग अनगिनत विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। नेटवर्किंग ने आज की डिजिटल युग में एक महत्वपूर्ण भूमिका खेली है और इसका उपयोग हर क्षेत्र में बढ़ता ही जा रहा है।