LLB का पूरा नाम क्या है?

LLB का सही पूरा नाम ‘Legum Baccalaureus’ होता है, जो लैटिन भाषा से लिया गया है। सरल भाषा में या अंग्रेजी में LLB का अर्थ ‘बैचलर ऑफ लॉ’ होता है। इसी वजह से LLB को BL भी कहा जाता है।

LLB का पूरा नामLegum Baccalaureus” होता है, जो कि लैटिन शब्द है। इसे अंग्रेजी में “Bachelor of Laws” (विधि का स्नातक) कहा जाता है। LLB को कई बार “बैचलर ऑफ़ लॉ” भी कहा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को विधि के क्षेत्र में शिक्षा प्रदान करना होता है ताकि वे वकील के रूप में काम कर सकें या फिर किसी और विधि संबंधित क्षेत्र में करियर बना सकें।

यह एक Law क्षेत्र मेंUndergraduate Degree है, और इसे Law में पहली पेशेवर डिग्री भी कहा जाता है। इस डिग्री की शुरुआत England से हुई और बाद में यह Japan में प्रचलित हो गई। प्रारंभ में यह डिग्री केवल Arts छात्रों के लिए लोकप्रिय थी, लेकिन अब रुचि के अनुसार कोई भी LLB कर सकता है। यदि आप वकील बनना चाहते हैं या फिर वकालत में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो LLB आपके लिए पहला कदम है। वकालत में आप कानून और नियमों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। LLB करने के बाद, छात्र कानून और नियमों को समझने लगते हैं। उसके बाद, छात्र वकील बन सकता है या फिर उससे आगे बढ़कर कई अन्य काम कर सकता है, और अपनी क्षमता और समझ के अनुसार अच्छी नौकरी पा सकता है। LLB के कोर्स में दो प्रकार होते हैं, जिनमें से पहला 3 साल का होता है और दूसरा 5 साल का। 3 साल के LLB कोर्स को केवल ग्रेजुएट होने के बाद किया जा सकता है, जबकि 5 साल के LLB कोर्स को 12वीं कक्षा के बाद से शुरू किया जा सकता है। LLB में प्रवेश पाना आसान है। यदि आप 12वीं के बाद LLB करना चाहते हैं, तो आपको 12वीं कक्षा में 50% या उससे अधिक अंक होने चाहिए। स्नातक के बाद LLB करने के लिए भी, आपके कॉलेज में अंक 50% या उससे अधिक होने चाहिए। कानून के बड़े और पेशेवर विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने के लिए, आपको CLAT, LSAT और AILET जैसी प्रवेश परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करनी होगी। LLB करने के बाद, आप वकील बनने के अलावा कई अन्य विकल्पों के लिए तैयार हो सकते हैं, जैसे कि कानूनी सलाहकार, न्यायाधीश बनने की तैयारी, डॉक्टरेट करके किसी कॉलेज में शिक्षक बनना।

एलएलबी का हिंदी:-

एलएलबी का हिंदी अर्थ है “विधि बाचलर”। यह एक प्रोफेशनल डिग्री है जो कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में प्राप्त की जाती है। LLB को हिंदी में स्नातक कहा जाता है, जिसमें कानून से संबंधित विभिन्न विषयों का अध्ययन किया जाता है। यह डिग्री कानून क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए आवश्यक होती है और कई विभिन्न कानूनी पेशेवरों के लिए आवश्यक होती है।

LLB के अन्य प्रसिद्ध फुल फॉर्म हैं:

  • Bachelor of Legislative Law (विधायिका विधि का स्नातक)
  • Latin Legum Baccalaureus (लैटिन भाषा में विधि का स्नातक)
  • Bachelor of Legal Letters (कानूनी पत्रों का स्नातक)
  • Bachelor of Legal Studies (कानूनी अध्ययन का स्नातक)
  • Bachelor of Laws (कानून का स्नातक)

यह सभी फुल फॉर्मेट उपयोग में आते हैं, हालांकि Bachelor of Laws” और “Legum Baccalaureus” सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध हैं।

यदि आप LLB में रुचि रखते हैं, तो आपको यह जानना चाहिए कि LLB को हिंदी में क्या कहा जाता है, क्योंकि यह प्रश्न किसी भी व्यक्ति से पूछा जा सकता है। कई बार हमें कुछ चीजों के अंग्रेजी नाम याद होते हैं, लेकिन हिंदी नाम याद नहीं होते, जो कि सामान्य ज्ञान के लिए ठीक नहीं है।

आप इस बात को जानते ही होंगे कि LLB की अंग्रेजी पूर्ण रूप ‘विधि का स्नातक’ होता है, लेकिन अब हम LLB के हिंदी नाम के बारे में बात करें! LLB का सटीक हिंदी नाम ‘कानून का स्नातक’ होगा, जो कि लॉ के स्नातक का हिंदी अर्थ है।

हालांकि, भारत ने अधिकांशतः LLB को ‘विधायी कानून’ के स्नातक के रूप में देखा है, तो इसका हिंदी अर्थ ‘विधायी कानून में स्नातक’ या ‘विधायी कानून का स्नातक’ होगा।

LLB में विषयों की संख्या:-

LLB में विषयों की संख्या विभिन्न विश्वविद्यालयों और कानून स्कूलों के अनुसार भिन्न हो सकती है, लेकिन अधिकांशतः इसमें निम्नलिखित विषयों का अध्ययन होता है:

  • कानूनी साहित्य और केस लॉ
  • संविदानिक कानून
  • साक्षात्कार और प्रबंधन
  • कानूनी इतिहास
  • भारतीय सम्प्रेषण
  • न्याय व्यवस्था का इतिहास
  • बैंकिंग लॉ
  • टैक्स लॉ
  • विभागीय कानून
  • जमा और उचित कानून
  • निर्माण और कर्मचारी कानून
  • लैंड लॉ
  • विपत्ति का कानून

विशेष क्षेत्र का कानून, जैसे कि पर्यावरणीय कानून, मीडिया कानून, मानवाधिकार, और आदि।

यहाँ दिए गए विषयों का संदर्भ विभिन्न देशों और संस्थाओं के आधार पर है। अतीत में भी नए विषय या उपयोगी कोर्सेज जोड़े गए हो सकते हैं।

लॉ कितने साल की होती है?

हां, आमतौर पर लॉ डिग्री की अवधि तीन साल की होती है, जो कानूनी शिक्षा के लिए न्यूनतम अवधि है। यह अवधि विश्वविद्यालय और देश के कानूनी शैक्षणिक निर्धारणों पर भी निर्भर कर सकती है। कुछ देशों या कॉलेजों में अधिक या कम अवधि की डिग्री प्रदान की जा सकती है, जैसे कि चार वर्ष या पांच वर्ष की लॉ डिग्री प्रोग्राम।

LLB करना वास्तव में एक अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि जहां एक ओर महंगी पढ़ाई वाले क्षेत्र जैसे कि इंजीनियरिंग आदि अब व्यर्थ माने जा रहे हैं, वहीं LLB के क्षेत्र में लोगों का करियर ऊंचाई पर जा रहा है।

इसका कारण यह है कि लोगों के लिए आजकल अन्य चीजें समझना आसान है, जिसके कारण वे अधिकतर काम खुद ही कर लेते हैं और सस्ते में किसी अन्य से करवा लेते हैं, लेकिन कानून और दस्तावेज़ों का काम हर किसी को समझ में नहीं आता। अगर आ भी जाए, तो भी हर कोई यह काम नहीं कर सकता, क्योंकि इसके लिए केवल वे लोग उपयुक्त होते हैं जो LLB किया है और फिर इसके आगे की पढ़ाई कर चुके हैं।

LLB करने के कई फायदे हैं जैसे:

1। नियमों की समझ:

कानून को समझना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। यहाँ तक कि राजनीतिक विज्ञान को भी सबसे कठिन विषयों में से एक माना जाता है। लेकिन LLB के बाद आपको नियमों और उन्हें बनाने के बारे में विशेष जानकारी मिलती है।

2। अधिक करियर विकल्प:

अधिकतर लोगों को यह लगता है कि LLB में एक मात्र करियर विकल्प केवल वकील बनने का ही है, लेकिन LLB में कई तरह के करियर विकल्प होते हैं। यहां तक कि वकील भी कई तरह के होते हैं।

3। अच्छी वेतन:

इस बात में कोई शक नहीं है कि अब के समय में यदि आप किसी प्राइवेट कॉलेज से इंजीनियरिंग करते हैं या फिर ऐसा कोई अन्य कोर्स करते हैं, तो उसकी डिग्री आपको एक साधारण नौकरी ही दिला सकती है। लेकिन एलएलबी करने वाले छात्र को अलग नज़र से देखा जाता है और उसे अधिक समझदार समझा जाता है, जिस वजह से एलएलबी की डिग्री की मान्यता अधिक होती है।

LLB करने के अलावा भी कई फायदे हैं जैसे कि अच्छी वेतन, अच्छी इज्जत, आदि। यदि आपकी भी कानून में रुचि है और आप नियमों को समझने में दिलचस्पी रखते हैं, तो आप भी LLB कर सकते हैं। यह एक उत्कृष्ट करियर विकल्प हो सकता है।

LLB पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के लिए कई प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • CLAT (Common Law Admission Test) – सामान्य विधि प्रवेश परीक्षा
  • AILET (All India Law Entrance Test) – अखिल भारतीय कानून प्रवेश परीक्षा
  • LSAT India (Law School Admission Test) – लॉ स्कूल प्रवेश परीक्षा
  • DU LLB Entrance Exam – दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ डिग्री प्रवेश परीक्षा
  • BHU LLB Entrance Exam – बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के लॉ डिग्री प्रवेश परीक्षा

इन परीक्षाओं में उपस्थित होने के लिए छात्रों को पात्रता मानदंडों को पूरा करना होता है, जो विभिन्न प्रवेश परीक्षा नियमों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। ये परीक्षाएं भारतीय कानूनी शिक्षा में प्रवेश पाने का मार्ग प्रशस्त करती हैं।

आपका जिक्र किए गए परीक्षा का पूरा नाम “Law School Admission Test” (LSAT) है, जो कानूनी स्कूलों में प्रवेश प्राप्त करने के लिए होती है। यह आपको विभिन्न कानूनी स्कूलों में स्नातक (LLB) और स्नातकोत्तर (LLM) कोर्सेज में प्रवेश के लिए पात्रता का मापदंड बनाने में मदद करती है।

आपने सही बताया कि यह परीक्षा चार भागों में बांटी जाती है। इसमें निम्नलिखित होते हैं:

  • Analytical Reasoning – विश्लेषणात्मक तर्क
  • Logical Reasoning – तार्किक योजना
  • Reading Comprehension – पढ़ने की समझ
  • Writing Sample – लेखन नमूना
Analytical ReasoningLogical Reasoning(1)
Logical Reasoning (2)Reading Comprehension

यह चार भाग परीक्षा आपकी कानूनी योग्यता, तर्क, और भाषा के कौशल का मूल्यांकन करते हैं। इस परीक्षा को संचालित करने के लिए Law School Admission Council (LSAC) जिम्मेदार है।

AILET प्रवेश परीक्षा भारतीय नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली द्वारा आयोजित की जाती है। इसका पूरा नाम ‘All India Law Entrance Test’ होता है।

LLB कोर्स करने के बाद कई करियर विकल्प उपलब्ध होते हैं, जो निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • वकील: वकील के रूप में व्यक्तिगत या संयुक्त प्रकार में काम करना, सुनवाई करना और प्रतिनिधित्व करना।
  • न्यायाधीश: न्यायाधीश के रूप में न्यायिक सेवाओं में काम करना, उच्चतम न्यायालयों, जिला न्यायालयों या न्यायालयों में।
  • कंपनी कानूनी विभाग: विभिन्न कंपनियों में कानूनी विभागों में काम करना, जैसे कि MNCs, बैंक, बीमा कंपनियां आदि।
  • सरकारी नौकरियाँ: सरकारी क्षेत्र में कानूनी नौकरियां, जैसे कि सिविल सेवा, न्यायिक सेवा, लोक सेवा आदि।
  • शिक्षण: कानूनी शिक्षक या प्रोफेसर के रूप में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कराना।
  • स्वयंसेवी: स्वतंत्र वकील के रूप में काम करना, अपना कानूनी कार्यालय स्थापित करना।
  • लेगल एक्सपर्टिज़: विशेषज्ञ के रूप में कानूनी सलाहकार, लीगल एडवाइज़र, लीगल कंसल्टेंट के रूप में काम करना।

ये कुछ मुख्य करियर विकल्प हैं, जो LLB कोर्स के पश्चात उपलब्ध हो सकते हैं। कैरियर विकल्प की विविधता और विस्तार के लिए व्यक्तिगत प्रोफेशनल प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

LLB के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कोर्स होते हैं जो छात्र अपनी रुचि और करियर लक्ष्यों के अनुसार चुन सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख LLB कोर्स की गहराई से समझ है:

Criminal LawCorporate Law
Patent AttorneyCyber Law
Family LawBanking Law
  • एलएलबी (LLB) सामान्य: यह कोर्स लॉ के मूल सिद्धांतों, कानूनी प्रक्रियाओं, और विभिन्न कानूनी विषयों को समझाता है। यह एक मान्यता प्राप्त तीन साल की स्नातक पाठ्यक्रम हो सकता है।
  • एलएलबी (LLB) हॉनर्स: यह कोर्स अधिक विशेषज्ञता प्रदान करता है और छात्रों को अधिक विशेष क्षेत्रों में उनके रुचि के अनुसार अध्ययन करने का अवसर देता है। इसमें अधिक विस्तृत और उच्च स्तरीय अध्ययन शामिल होता है।
  • एलएलबी (LLB) + एमबीए (MBA): कुछ संस्थान एक प्रकार का डुअल डिग्री प्रदान करते हैं जिसमें छात्र लॉ के साथ-साथ प्रबंधन क्षेत्र में भी शिक्षा प्राप्त करते हैं। इससे उन्हें व्यावसायिक अवसरों में विस्तार का सुनहरा मौका मिलता है।
  • एलएलबी (LLB) + एमए (मास्टर्स ऑफ आर्ट्स): यह भी एक डुअल डिग्री कोर्स है जिसमें छात्र लॉ के साथ-साथ अपने रुचि के क्षेत्र में एक मास्टर्स प्राप्त कर सकते हैं। इससे उन्हें अपने करियर के लिए अधिक विकल्प मिलते हैं।
  • एलएलबी (LLB) + एमएससी (मास्टर्स ऑफ एचएससी): यह भी एक डुअल डिग्री कोर्स है जिसमें छात्र लॉ के साथ-साथ विज्ञान और संदर्भ शिक्षा के क्षेत्र में एक मास्टर्स प्राप्त कर सकते हैं।

ये केवल कुछ उदाहरण हैं, और वास्तव में एलएलबी के अंतर्गत और भी अनेक प्रकार के कोर्स हो सकते हैं जो कि संस्थान और उनकी प्राथमिकताओं पर निर्भर करते हैं। छात्र अपने रुचि, करियर लक्ष्य, और संबंधित नियमों के आधार पर उपयुक्त कोर्स चुन सकते हैं।

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