ED क्या होता है?

एनफोर्समेंट डाइरेक्टरेट (ED) एक भारतीय सरकारी एजेंसी है जो वित्तीय अपराधों और आर्थिक मामलों की जाँच करती है। इसका मुख्य कार्य विदेशी मुद्रा कानूनों और धन शोधन निरोधक कानूनों (Prevention of Money Laundering Act, PMLA) को लागू करना है। ED का गठन 1956 में किया गया था और यह वित्त मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।

ED का कार्य क्या है?


एनफोर्समेंट डाइरेक्टरेट (ED) का कार्य मुख्य रूप से वित्तीय अपराधों की जाँच और उनके खिलाफ कार्रवाई करना होता है। इसका मुख्य उद्देश्य विदेशी मुद्रा कानूनों और धन शोधन निरोधक कानूनों का प्रवर्तन करना है। यहां एडी के प्रमुख कार्यों की एक संक्षिप्त सूची है:

  1. धन शोधन जाँच: ED धन शोधन अधिनियम के तहत अपराधियों की जाँच करता है और अनियमित धन लौटाने की कार्रवाई करता है। इसका मुख्य उद्देश्य धन शोधन और पैसे की जायदाद को अनधिकृत तरीके से अर्जित और प्राप्त करने वाले व्यक्तियों और संगठनों का पता लगाना है।
  2. विदेशी मुद्रा कानून के प्रवर्तन: ED विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत अपराधियों की जाँच करता है और विदेशी मुद्रा के अनियमित प्रवाह को रोकने के लिए कार्रवाई करता है।
  3. अधिकृत धन लौटाने के प्रवर्तन: एडी किसी भी अपराधिक गतिविधि के तहत अधिकृत धन का लौटाना प्रवर्तित करती है और अपराधियों की प्राप्त की गई संपत्ति को जब्त कर सकती है।
  4. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: ED विभिन्न देशों की अन्य संगठनों के साथ सहयोग करता है और अपराधियों की जाँच के लिए अत्यधिक पारदर्शिता और सहयोग प्रदान करता है।

इसके अलावा, ED विभिन्न सरकारी और अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर वित्तीय अपराधों के खिलाफ संघर्ष में भाग लेता है और विभिन्न अपराधिक मामलों की जाँच करता है।

ED को कौन नियंत्रित करता है?

एनफोर्समेंट डाइरेक्टरेट (ED) का प्रशासनिक और नियंत्रण वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत होता है। इसका मुख्य कार्य वित्तीय अपराधों की जाँच और उनके खिलाफ कार्रवाई करना होता है। एडी के निदेशक (Director) को सरकारी प्रशासनिक प्रक्रियाओं और विधियों के अनुसार नियुक्त किया जाता है और वह मंत्रालय के अधीन काम करता है। उसकी कार्यप्रणाली, नीतियाँ, और कार्यक्षमता को संबंधित विधि और नियमों के अनुसार नियंत्रित किया जाता है। इसके अलावा, एडी के कार्यों की निगरानी और प्रशासनिक नियंत्रण का जिम्मा भी वित्त मंत्रालय के ऊपरिक्षेत्रीय प्रमुख अधिकारी को होता है।

क्या ED एक गैज़ेटेड ऑफ़िसर है?

नहीं, एनफोर्समेंट डाइरेक्टरेट (ED) एक गैजेटेड ऑफिसर नहीं है। गैजेटेड ऑफिसर का मतलब होता है कि उनका पदस्थान सरकारी गैजेट (Government Gazette) में सूचीबद्ध होता है। यह स्थिति सामान्यत: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) या राज्य लोक सेवा आयोग (State Public Service Commission) के माध्यम से चयनित अधिकारियों के लिए होती है जो सरकारी विभागों और अन्य संगठनों में उच्च स्तर के पदों पर काम करते हैं।

एनफोर्समेंट डाइरेक्टरेट के अधिकारी विशेष रूप से केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करते हैं और उन्हें सीधे या पूर्व-निर्धारित तरीके से संघ की सेवा में चयन नहीं किया जाता है। इसके बजाय, उन्हें आवश्यकतानुसार अनुभव, योग्यता और पेशेवर योग्यता के आधार पर नियुक्ति की जाती है। ये अधिकारी विशेष रूप से वित्तीय अपराधों की जांच और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रशिक्षित होते हैं।

ED ऑफिसर की पॉवर क्या हैं?

एनफोर्समेंट डाइरेक्टरेट (ED) अधिकारियों की कुछ मुख्य पॉवर्स और अधिकार हैं जो उन्हें वित्तीय अपराधों की जाँच और कार्रवाई करने के लिए सक्षम बनाते हैं:

  1. जांच का अधिकार: ED अधिकारियों के पास वित्तीय अपराधों की जांच करने का पूरा अधिकार होता है। वे अपराधियों द्वारा अर्जित किए गए धन के विधिगत प्राप्ति की जाँच कर सकते हैं, विदेशी मुद्रा और अन्य वित्तीय अपराधों का पता लगा सकते हैं, और अनियमित वित्त प्रवाह की जांच कर सकते हैं।
  2. पूंजीगत संपत्ति की जब्ती: एडी अधिकारियों को अपराधियों द्वारा अनियमित तरीके से प्राप्त की गई संपत्ति की जब्ती करने का अधिकार होता है। यह शामिल हो सकता है नकद धन, संपत्ति, वाहन, और अन्य प्रोपर्टी।
  3. पूंजीगत संपत्ति के क्योंकि नामे का प्रस्ताव: ED अधिकारियों को पूंजीगत संपत्ति के क्योंकि नामे का प्रस्ताव करने का अधिकार होता है, जिसमें वे अपराधियों के नाम पर उनके द्वारा अर्जित की गई संपत्ति को विधिगत रूप से घोषित कर सकते हैं।
  4. अदालत में उपस्थिति: ED अधिकारियों को अदालत में प्रतिनिधित्त्व करने का अधिकार होता है। वे वित्तीय अपराधों के मामलों में साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते हैं और कानूनी प्रक्रिया को चलाने में सहायक हो सकते हैं।
  5. सहायकता प्रदान करना: ED अधिकारियों को अन्य विभागों और संस्थाओं को वित्तीय अपराधों की जाँच में सहायता करने का अधिकार होता है। वे साक्ष्य संग्रह और अन्य काम कर सकते हैं जो अन्य अधिकारियों को इन्हें निबंधित करते हैं।

इन पॉवर्स के संबंध में कई विधियों और नियमों का पालन किया जाता है, और अधिकारियों को केंद्रीय और राज्य सरकारों की निर्देशिका और आदेशों का पालन करना पड़ता है।

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